प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से घर लौट रहे मजदूरों के जीवन यापन के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में ही रोज़गार के इंतजाम शुरू कर दिए हैं. सरकार की कोशिश है कि वह एक तरफ तो उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में वापस लौट रहे कामगारों को काम दें तो दूसरी तरफ उनकी कोशिश है कि इस व्यवस्था के ज़रिये वह उत्तर प्रदेश का विकास का रास्ता भी साफ़ कर सकें.
टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कामगार/ श्रमिक (सेवायोजन एवं रोज़गार) कल्याण आयोग के गठन और इसके दायित्व को लेकर कई फैसले लिए. इस बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक 16 लाख कामगारों की स्किल मैपिंग का काम किया जा चुका है. इन कामगारों को सरकार उनके अनुभव के हिसाब से काम उपलब्ध कराएगी.
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन कामगारों / श्रमिकों को सस्ती दुकानें और सस्ते आशियाने मुहैया कराये जाएं. सस्ते आशियाने के साथ ही सरकार की तरफ से जीएसटी और नक्शे में भी छूट दी जाए. इन कामगारों को सरकार की तरफ से बिजली, पानी और सीवर जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं भी दी जाएं.
सरकार ने तय किया है कि इन कामगारों को सेवायोजन कार्यालय के माध्यम से जिला स्तर पर ही रोज़गार या नौकरी दिलाने की व्यवस्था कर दी जाए. जिले के बाहर नौकरी दिलाने में सरकार की प्रदेश स्तरीय कमेटी मदद करेगी. जो कामगार जिले के बाहर नौकरी करने जायेगा सरकार उसकी आवासीय सुविधा में भी मदद करेगी.
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श्रमिकों के लिए बड़ी संख्या में सस्ते आशियाने, सस्ती और बेहतर दुकानें बनाने के लिए सरकार ने सरकारी भूमि चिन्हित करने के लिए अधिकारियों से युद्ध स्तर पर जुट जाने को कहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में निर्देश दिया है कि जो कामगार यूपी में अपना खुद का रोज़गार शुरू करना चाहते हैं उन्हें बैंक से लोन दिलाने में मदद दी जाए.