प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. कोरोना महामारी से जूझते देश में सरकार जहां पैकेज घोषित करने में लगी है वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी न सिर्फ मजदूरों और गरीबों का सवाल पूरी शिद्दत से उठा रहे हैं वहीं वह खुद मजदूरों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुनने में लगे हैं.
यह मजदूरों के लिए सबसे ज्यादा संकट का दौर है. लॉक डाउन में साधन विहीन मजदूर घरों को लौट रहे हैं. पैदल घरों को जा रहे मजदूरों और उनके परिवारों के साथ राहुल गांधी ने सड़क के फुटपाथ पर बैठकर उनका दुःख जाना और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उनके साथ हैं और उनकी आवाज़ को पूरी ताकत से उठाएंगे.
मजदूरों ने राहुल को बताया कि जब तक उनके पास पैसे और राशन था वह जहां थे वहां रुके रहे लेकिन अब जब कुछ भी नहीं है और घर पहुँचने का साधन भी नहीं है तब बस यही एक रास्ता है कि पैदल ही चलते चला जाए.
यह भी पढ़ें : मजदूरों के लिए 1000 बस चलाएगी कांग्रेस, प्रियंका ने सीएम योगी से मांगी अनुमति
यह भी पढ़ें : शिवपाल बोले अब तो कुछ कीजिये सरकार… कहीं देर न हो जाए
यह भी पढ़ें : प्रियंका ने योगी से पूछा- थके हुए कदमों से किसका भविष्य खींचा जा रहा है?
यह भी पढ़ें : यहाँ तो घोड़े ने ही सवार की लगाम पकड़ ली है
राहुल गांधी ने आज ही सरकार को ट्वीट करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि भूखे बच्चे को माँ लोन नहीं देती. उसकी मुश्किल दूर करती है. सरकार को भी इस मुश्किल वक्त में पैकेज नहीं गरीबों के लिए नगद पैसे का इंतजाम करना चाहिए.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाई ओवर के पास फुटपाथ पर बैठकर मजदूरों के दर्द को सुना. राहुल ने वहीं से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी को निर्देश दिया कि इन मजदूरों को इनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने का इंतजाम किया जाए.