प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. नागरिक सुरक्षा विभाग वाराणसी में काफी समय से रीन्यूवल के नाम पर वसूली का कारोबार चल रहा है. यह वसूली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है, कर्मचारियों को बताया जाता है कि यह वसूली विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर की जा रही है.
नागरिक सुरक्षा विभाग वाराणसी में 22 साल से अवैतनिक डिवीजनल वार्डेन के रूप में कार्यरत राम आसरे कुशवाहा से इस पद पर रीन्यूवल कराने के एवज़ में 50 हज़ार रुपये की रिश्वत माँगी गई है. रिश्वत मांगने वाले नीरज मिश्र नागरिक सुरक्षा विभाग में डिप्टी कंट्रोलर हैं. कुशवाहा के मुताबिक़ नीरज मिश्रा का कहना है कि यह धनराशि प्रमुख सचिव राजन शुक्ला की वाराणसी के दुर्गा कुंड क्षेत्र में रहने वाली बुआ के दवा व खाने के खर्चे के लिए हैं.
राम आसरे कुशवाहा ने इस वसूली का विरोध किया तो नीरज मिश्रा ने बताया कि मुगलसराय से वाराणसी आने के लिए मैं भी प्रमुख सचिव को एक लाख रुपये देकर आया हूँ. यहाँ काम करने वालों को प्रमुख सचिव और उनके रिश्तेदारों की सेवा करनी पड़ती है.
राम आसरे कुशवाहा ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की लिखित शिकायत में बताया है कि नागरिक सुरक्षा विभाग में डिप्टी डिवीजनल वार्डेन संजय राय के ज़रिये इस वसूली का काम किया जाता है. यह लोग घूम फिर कर वाराणसी में ही रहते हैं. कुछ दिन के लिए इनका दूसरे जिलों में ट्रांसफर भी होता है लेकिन यह फिर यहीं लौटकर आ जाते हैं. उन्होंने यह शिकायत पत्र के माध्यम से भी की है और मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी शिकायत की है.
नागरिक सुरक्षा विभाग वाराणसी में कार्यरत सभी कर्मचारी इस अवैध वसूली से परेशान हैं लेकिन इन लोगों के खिलाफ कोई मुंह नहीं खोल पाता है.
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राम आसरे कुशवाहा का वाराणसी में आईटीआई है. इस कालेज से होने वाली आय से उनका और उनके परिवार का भरण-पोषण होता है. नागरिक सुरक्षा विभाग में बगैर किसी वेतन के वह 22 साल से अपना समय दे रहे हैं. उनका हर साल विभाग में रीन्यूवल होता है. रीन्यूवल के लिए एलआईयू और पुलिस वैरीफिकेशन कराया जाता है. इस साल भी यह प्रक्रिया अपनाई गई लेकिन उनका नियुक्ति पत्र पांच महीने बीत जाने के बाद भी नहीं दिया गया जबकि काम लगातार लिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि वसूली क्योंकि विभाग के प्रमुख सचिव के नाम पर की जाती है इसलिए विभाग के लोग भी अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं. कुशवाहा ने बताया कि मैंने इस शिकायत की कापी प्रमुख सचिव राजन शुक्ला को भी भेजी है ताकि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिल सके कि उनके नाम पर वसूली का कारोबार चल रहा है.