जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना महामारी से निबटने में प्लाज्मा थैरेपी एक कारगर तकनीक के रूप में उभरकर सामने आयी है. जब इस तकनीक की चर्चा प्रारम्भिक दौर में थी तब दिल्ली सरकार ने प्लाज्मा थैरेपी के क्लीनिकल टेस्ट के लिए सबसे पहले अपना हाथ आगे बढ़ाया था. इस तकनीक के इस्तेमाल से कई मरीज़ वेंटीलेटर से मुक्त हुए थे और उनके स्वास्थ्य में तेज़ी से सुधार हुआ था. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने आज देश के 21 संस्थानों को प्लाज्मा थैरेपी के क्लीनिकल टेस्ट की इजाज़त दी है. इन 21 संस्थानों में दिल्ली का कोई भी संस्थान शामिल नहीं है. जबकि महाराष्ट्र के पांच और गुजरात के चार चिकित्सा संस्थान प्लाज्मा थैरेपी का क्लीनिकल टेस्ट करेंगे.
प्लाज्मा थैरेपी एक ऐसी तकनीक है जिसमें कोरोना को हराकर स्वस्थ होने वाला व्यक्ति अपना प्लाज्मा दान करता है और एक व्यक्ति के प्लाज्मा से दो मरीजों को फायदा पहुंचाया जा सकता है. लखनऊ के डॉ. तौसीफ और बड़ी संख्या में तब्लीगी जमात के लोगों ने कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद अपना प्लाज्मा दान भी किया था.
कोरोना संक्रमितों की तादाद देश में 60 हज़ार के करीब पहुँच गई है. हालांकि रिकवरी रेट भी बेहतर हुआ है और निकट भविष्य में भारत कोरोना को हराता हुआ नज़र भी आएगा लेकिन मौजूदा समय में देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे करीब 39 हज़ार मरीजों को जल्दी स्वस्थ कराने के इरादे से देश के 21 संस्थानों को प्लाज्मा थैरेपी का क्लीनिकल टेस्ट करने की मंजूरी दी गई है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक़ उसे देश के 111 चिकित्सा संस्थानों से प्लाज्मा थैरेपी का क्लीनिकल टेस्ट करने के लिए आवेदन मिले थे. परिषद ने इनमें से 21 चिकित्सा संस्थानों का चयन कर लिया है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने प्लाज्मा थैरेपी के क्लीनिकल टेस्ट के लिए जिन 21 चिकित्सा संस्थानों को अनुमति दी है उनमें लखनऊ का संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई), नोएडा का उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइन्सेज़, चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पंजाब का सद्गुरु प्रताप सिंह हॉस्पिटल- लुधियाना, मध्य प्रदेश के दो चिकित्सा संस्थानों में भोपाल का मध्य प्रदेश गांधी मेडिकल कॉलेज और इंदौर का मध्य प्रदेश महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का नाम शामिल है.
प्लाज्मा थैरेपी के क्लीनिकल टेस्ट के लिए गुजरात के चार संस्थानों को अनुमति मिली है. इनमें गुजरात का एन.एच.एल. मेडिकल कॉलेज- अहमदाबाद, बीजे मेडिकल एंड सिविल हॉस्पिटल- अहमदाबाद, गुजरात गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज- भावनगर और गुजरात गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज-सूरत का नाम शामिल है.
महाराष्ट्र के भी पांच संस्थानों में को क्लीनिकल टेस्ट की मंजूरी मिली है. इनमें बी.जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज- पुणे, सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर- मुम्बई, राजश्री छत्रपति शाहू महाराज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड सीपीआर हॉस्पिटल- कोल्हापुर, महाराष्ट्र गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज- नागपुर और पूना हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का नाम शामिल किया गया है.
राजस्थान के दो चिकित्सा संस्थानों में सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज- जयपुर और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- जयपुर शामिल हैं. तमिलनाडू के मदुरै मेडिकल कॉलेज और मद्रास मेडिकल कॉलेज- चेन्नई में क्लीनिकल टेस्ट किया जाएगा. इसके अलावा कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़- हुबली और तेलंगाना गांधी मेडिकल कॉलेज- तेलंगाना में प्लाज्मा थैरेपी का क्लीनिकल टेस्ट होंगे.
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