प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. साकेत कोर्ट में 20 देशों के 83 जमातियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिन 83 जमातियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें सऊदी अरब के 10, ब्राजील के 8, चीन के 7, सूडान के 6, फिलीपींस के 6, अमेरिका के 5, अफगानिस्तान के 4 और यूनाइटेड किंगडम के 3 जमाती शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साढ़े 15 पृष्ठों की इस चार्जशीट में जमातियों पर महामारी एक्ट, आपदा एक्ट और फारेन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद और मरकज़ के मैनेजमेंट को लेकर भी काफी कुछ चार्जशीट में लिखा है.
तब्लीगी जमात के जिन विदेशी सदस्यों ने अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है. उनसे क्राइम ब्रांच ने मरकज़ में रुकने की वजहों समेत तमाम मुद्दों पर पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस ने करीब 700 विदेशी जमातियों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए हैं ताकि मरकज़ का मामला खत्म होने तक कोई भी जमाती अपने देश न लौट पाए.
जानकारी के अनुसार पूछताछ में 943 जमातियों से पुलिस से साफतौर पर कहा कि मौलाना साद के कहने पर वह कोरोना काल शुरू होने के बाद भी मरकज़ में ठहरे रहे थे. पूरा मामला कोर्ट के सामने पहुँच चुका है. यह चार्जशीट आने वाले दिनों में विदेशी जमातियों के साथ-साथ मौलाना साद की मुश्किलें भी बढ़ा सकती है.
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क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद की तलाश में उनके कई ठिकानों पर छापे मारे. उनके बेटों से भी पूछताछ की लेकिन मौलाना को तलाश नहीं पाई. अब पुलिस के पास बड़ी संख्या में जमातियों के वह बयान हैं जो मरकज़ में भीड़ जमा करने के मामले में साद को ही दोषी ठहराते हैं. इससे साफ़ ज़ाहिर है कि आने वाले दिनों में मौलाना साद की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं.