Monday - 28 October 2024 - 1:33 PM

राहत पैकेज 4 : इस बार कारपोरेट पर जोर

प्रमुख संवाददाता

नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश को मिले 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की चौथी क़िस्त पेश की. इन किस्तों के ज़रिये वित्त मंत्री ने देश को बताया है कि प्रधानमन्त्री द्वारा दिया गया पैसा किस क्षेत्र में और कितना-कितना बांटा गया है.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना ही सरकार की प्राथमिकता है. सारे प्रयास इसी वजह से किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कारोबार को तेज़ी से बढ़ाने की दिशा में सरकार प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए हम प्रतिद्वंद्विता के लिए भी तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि हर घर को बिजली देने का काम हो या फिर कुछ और, हमारी सरकार ने रिफार्म के लिए परफार्म करके दिखाया है. वित्त मंत्री ने बताया कि हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल बनाया जाएगा.

केन्द्रीय वित्तमंत्री ने बनाया कि कोयला उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया के तीन बड़े देशों में भारत का नाम भी है. बावजूद इसके हम इसका उतना दोहन नहीं कर पाए जितना कि कर सकते थे. कोयला सेक्टर के लिए सरकार ने 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. सरकार यह कोशिश करेगी कि कोयला उत्पादन को बढ़ाया जाए.

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सरकार ने कोयला क्षेत्र में निजी क्षेत्र को भागीदारी देने का फैसला किया गया है. उत्पादन बढ़ाया जाएगा ताकि यह सही दाम में उपलब्ध हो सके. कोयले के छोटे-छोटे ब्लाक नीलाम किये जायेंगे. खान से रेलवे तक कोयला पहुंचाने के इंतजाम भी बढ़ाए जाएंगे.

रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इण्डिया पर बल दिया जाएगा. हथियारों का निर्माण भारत में किया जाएगा. विदेशों से खरीद में कमी लाई जायेगी. वित्त मंत्री ने बताया कि कुछ हथियारों के इम्पोर्ट को पूरी तरह से बैन किया जाएगा. सरकार ने तय किया है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का निगमीकरण कर दिया जाए. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बोर्ड में भी सरकार बदलाव करेगी.

सरकार ने तय किया है कि रक्षा निर्माण में एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया जाये. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के शेयर बाज़ार में लिस्टेड होंगे. सरकार की कोशिश होगी कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को कारपोरेटाईज कर दिया जाये.

सरकार ने नागरिक विमानन क्षेत्र में सुधार का फैसला किया है. पीपीपी माडल पर छह एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा. यह हवाई अड्डे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के होंगे. इसके अलावा एयर स्पेस का विस्तार भी किया जाएगा ताकि विमानों को कम दूरी तय करनी पड़े. अभी तक एयर स्पेस 60 फीसदी ही खुला है.

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