प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. विदेशों से सरकार स्वदेश तो लायेगी मगर जहाज़ का किराया देने होगा. देश में पहुँचने के बाद हवाई अड्डे के पास ही दिल्ली सरकार क्वारंटीन करने की व्यवस्था करेगी. 14 दिन क्वारंटीन में रहने के लिए होने वाले खर्च को भी अब खुद ही उठाना होगा. कोरोना महामारी की वजह सरकार का खज़ाना भी अब हाथ जोड़ता नज़र आ रहा है.
कोरोना महामारी से देश के नागरिकों को बचाने के लिए 22 मार्च से देश में हर दरवाज़ा बंद है. जनता कर्फ्यू से लेकर लॉक डाउन तक सरकार ने जो भी फैसला लिया उसे पूरे देश ने माना. लोग लगातार अपने घरों में बंद हैं उसके बावजूद कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बहुत तेज़ी से बढ़ा है.
कोरोना संकट की वजह से परिवहन के सारे साधनों को बंद कर दिया गया था. जहाज़, रेल और बसों को पूरी तरह से रोक दिया गया था. देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों को उनके राज्यों में पहुंचाने के लिए पहले श्रमिक ट्रेनें चलाने का सिलसिला शुरू किया गया. अब विदेशों में फंसे 15 हज़ार भारतीयों को लाने के लिए जहाज़ चलाये जाने वाले हैं.
बताया जाता है कि 7 मई से 13 मई के बीच 64 उड़ानों के ज़रिये 12 देशों से भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा. विदेशों से आने वाले भारतीयों को जहाज़ का किराया खुद अदा करना होगा. सरकार ने तय किया है कि ढाका से आने वालों को 12 हज़ार रुपये, लन्दन से आने वालों को 50 हज़ार रुपये और शिकागो से आने वालों को एक लाख रुपये किराए के रूप में चुकाने होंगे.
भारत पहुँच जाने के बाद भारतीयों को दिल्ली में 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि भारत आने वालों को क्वारंटीन की सुविधा मुहैया करायेगी लेकिन इसके लिए यात्रियों को पैसे अदा करने होंगे. नई दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट हवाई अड्डे के पास पेड क्वारंटीन का इंतजाम करेंगे.