प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कोरोना वायरस की जांच के काम में तेज़ी लाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि रूस ने तीन हफ्ते में 33 लाख टेस्ट किये और एक लाख मामले उजागर कर लिए. उसने अपनी क्षमता से दुनिया को चमत्कृत कर दिया.
श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि यूपी में सिर्फ 2100 टेस्ट हो रहे हैं और उनमें 100 केस पॉजिटिव मिल रहे हैं. जांच में तेज़ी लाई जाए तो मरीजों की संख्या का सही पता चल सके. उनका तत्काल इलाज शुरू हो और अन्य लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके.
राम गोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि मेरे संज्ञान में आया है कि सरकारी अधिकारी जान बूझकर संक्रमितों की संख्या छुपा रहे हैं. आंकड़े छुपाने के लिए प्रशासन चुपचाप अंतिम संस्कार तक करा दे रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना से मौतों के आंकड़े छुपाने वाले देश के दुश्मन हैं. सरकार को सचेत रहने की ज़रूरत है.
लॉक डाउन शुरू होने के बाद लाखों प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. भूख और अभाव की वजह से ही वह घर वापसी कर रहे हैं. मजदूरों की ऐसी हालत के बावजूद ट्रेनों में ले जाने के एवज में उनसे दो गुना और तीन गुना किराया वसूला जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास पैसा नहीं है तो समाजवादी पार्टी इन मजदूरों का किराया देने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को कहाँ क्वारंटीन किया जाएगा उसका सही आंकलन नहीं किया गया है. अधिकारियों ने जो हेल्पलाइन नंबर दिए हैं वह उठते नहीं हैं.
श्री चौधरी ने कहा कि मुम्बई से पैदल चलकर 14 दिन में महोबा पहुंचे मजदूरों को प्रशासन ने वापस लौटा दिया. यह घोर अमानवीय व्यवहार है. क्वारंटीन सेंटर ग्राम प्रधानों के भरोसे छोड़ दिए गए हैं.
उन्होंने कहा है कि गरीब मजदूरों की निशुल्क घर वापसी हो, उनके रोज़गार की व्यवस्था हो. कोरोना जांच की संख्या को बढ़ाया जाए.