स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त नजर आ रही है। योगी लगातार अपनी सरकार को पाक-साफ दिखाते है। इतना ही नहीं कल ही योगी कैबिनेट का विस्तार किया गया था और भारी फेरबदल किया गया है। सीएम योगी द्वारा बार-बार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की बात सामने आती रहती है।
इसके बावजूद सरकार में कुछ लोग इस बात को गलत साबित करने में अमादा है। इसके बाद योगी ने अपनी कैबिनेट से कुछ मंत्रियों की छुट्टी करने में देर भी नहीं की। राजेश अग्रवाल से लेकर अनुपमा जायसवाल जैसे मंत्रियों को योगी ने अपने कुनबे से बेदखल किया है केवल इसलिए ताकि उनकी सरकार पर सवाल नहीं उठे।
दरअसल इन मंत्रियों का काम-काज सवालों के घेरे में रहा है। ऐसे में योगी अपनी सरकार को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की बात करते हैं लेकिन योगी के गढ़ यानी गोरखपुर के पास बस्ती में कुछ लोग योगी सरकार की छवि को खराब करने पर उतारू है। जानकारी के मुताबिक बस्ती में मेडिकल कॉलेज भर्ती होनी है लेकिन इसमें भाजपा के कुछ लोग भ्रष्टाचार को हवा देने में लगे हुए है।
आउट सोर्सिंग के जरिए 175 पदों पर होने वाले भर्ती के लिए सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष के लेटर पैड पर अपनी लिस्ट जारी करके योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की बात को ढेंगा दिखा दिया है।
संसद सदस्य हरीश द्विवेदी ने बकायदा लेटर लिखकर प्राचार्य से कहा है कि उनके क्षेत्र के 14 लोगों के नामों की सिफारिश की है।
इसी तरह से बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने पत्र लिखकर सिफारिश की है
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से बस्ती मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स- 175 जबकि एक्सरे, लैब टेक्नीशियन, आपरेटर- 67 लोगों की भर्ती होनी है। इनकी भर्ती के लिए एजेंसियों का चयन भी कर लिया गया है।
सरकार ने प्रदेश के तेरह मेडिकल कॉलेजों में संचालित हो रहे लेवल वन के ट्रॉमा सेंटरों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए इन अस्थायी पदों का सृजन किया है।