Sunday - 27 October 2024 - 11:19 PM

ऐसे कैसे सफल होगा डिजिटल इंडिया अभियान

न्यूज डेस्क

केंद्र की सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2015 में बड़े जोर-शोर से डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि डिजिटल इंडिया अभियान ही भारत को कैशलेश इकोनॉमी बनायेगी, पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

केंद्र सरकार भले ही आर्थिक लेनदेन के लिए डिजिटल इंडिया अभियान चला रही है, बावजूद इसके कैश ट्रांजेक्शन में इजाफा होता दिख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार बीते 5 सालों में देश में एटीएम से कैश की निकासी में इजाफा हुआ है। 24 फरवरी को जारी की गई रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा कि कैश की निकासी के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है।

‘कैश से इलेक्ट्रॉनिक की ओर प्रगति’ के नाम से तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी के मुकाबले भारत में कैश की निकासी 17 पर्सेंट के करीब है। हालांकि एटीएम से कैश निकालने की ग्रोथ डिजिटल पेमेंट्स के मुकाबले कम है।

 

 

रिपोर्ट के अनुसार यदि ट्रांजेक्शन के मुकाबले देखें तो कैश की निकासी में 9 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है, जबकि नकदी के मूल्य के हिसाब से देखें तो यह ग्रोथ 10 फीसदी की है। डिजिटल ट्रांजेक्शंस में कम्पाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट संख्या के हिसाब से 61 फीसदी और वैल्यू के तौर पर 19 फीसदी की है।

आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन आंकड़ों के मुताबिक देश डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। हालांकि कैश निकालने की ही ग्रोथ कम नहीं हुई है बल्कि एटीएम की संख्या में भी इजाफे की दर बेहद कम हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते 5 सालों में महज 4 फीसदी की दर से ही एटीएम की संख्या में वृद्धि हुई है।

आरबीआई ने इस रिपोर्ट में कहा है कि देश में एटीएम से कैश निकालने में बड़े नोटों को ज्यादा तवज्जो दी गई है। एटीएम से कैश निकालकर लोग पेमेंट करने की बजाय पैसों को रख रहे हैं या फिर लंबे समय बाद पेमेंट कर रहे हैं। तत्काल कोई खरीददारी या रकम अदा करने के लिए एटीएम से कैश की निकासी कम की जा रही है।

आरबीआई ने क्रेडिट स्विस की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा है कि भारत में आज भी उपभोक्ता 72 प्रतिशत लेनदेन कैश में ही करते हैं। यह आंकड़ा चीन के मुकाबले दोगुना है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में आज भी ग्रामीण इलाकों में दुकानदार डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था को अपनाने से हिचक रहे हैं। इसकी कई वजह है। सबसे बड़ी वजह है तकनीक की समझ का अभाव और नेटवर्क की कमी। हालांकि इस रिपोर्ट से यह साफ है कि डिजिटल इंडिया का अभियान भले ही आगे बढ़ रहा है, लेकिन उसकी गति सरकार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं है।

यह भी पढ़ें : उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्कूल बंद, परीक्षाएं रद्द

यह भी पढ़ें : CAA : रकम डूबने के डर से मुस्लिम ग्रामीणों ने बैंक से निकाल ली जमा पूंजी

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com