जुबिली स्पेशल डेस्क
नयी दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन यानी कल राजधानी दिल्ली में किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान जमकर हुई हिंसा का मामला अब तूल पकड़ चुका है। आईटीओ, लालकिला और नांगलोई समेत दिल्ली में कई जगहों पर हुई जमकर हिंसा हुई थी।
जानकारी मिल रही है कि इस पूरी हिंसा को लेकर अब दिल्ली पुलिस के तेवर भी सख्त हो गए है और आज वो इस पूरी घटना पर प्रेस में जानकारी दे सकती है। उधर अब इस मामले में राकेश टिकैत का बड़ा बयान आया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने लाल किला परिसर में कल लोगों के प्रवेश करने तथा धार्मिक झंडा फराये जाने की घटना की जांच कराने की मांग की है।
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टिकैत ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि लाल किला में घुसने और वहां झंडा फहराये जाने वालों को चिन्हित करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोगों का किन राजनीतिक दलों और व्यक्तियों से संबंध था इसकी जांच करायी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से लाल किला जाने का आह्वान नहीं किया था वे पहले से निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे।
उन्होंने कहा कि परेड के लिए पहले से निर्धारित कुछ मार्गों की घेराबंदी की गयी थी जिसकी भी जांच करायी जानी चाहिये।
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किसान नेता ने कहा कि जिस किसी ने भी पुलिस कर्मियों पर ट्रैक्टर चढाने का प्रयास किया उनकी पहचान की जानी चाहिये और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये।
किसान संगठनों और पुलिस के बीच समझौते के बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी में किसान परेड निकालने पर सहमति बनी थी।
टिकैत ने आगे कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि जो रूट पुलिस ने दिया उस पर बैरिकेड्स होंगे और दिल्ली जाने वाला रास्ता खुला होगा, ये साजिश किसने रची।
दिल्ली में किसानों को किसने जाने दिया, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. जो रास्ता दिया गया था, जिस पर किसान जा रहे थे, उस पर पक्की बैरिकेटिंग और अपनी फोर्स भी रखोगे और वाटर केनन भी।
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दिल्ली वाला रास्ता खुला रखोगे, इसका गणितबाज कौन है, हमें तो उससे मिलना है। टिकैत ने येआरोप भी लगाया कि कितने किसानों के ट्रैक्टर तोड़े गए, ये नहीं दिखाया गया। करीब 400 ट्रैक्टर-गाडयि़ां तोड़ी गईं।
इस बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर योगेन्द्र यादव, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने सरवन सिंह पंढेर, सतनाम सिंह पन्नू के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया है।
मंगलवार को दिल्ली में हुई हिंसा की वजह से किसान आंदोलन पर सवाल उठ रहा है। किसान खुद परेशान है। इस मामले में किसान नेता भी उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जो कि हिंसा में शामिल थे। पुलिस ने मामले में साजिश रचे जाने का भी केस दर्ज किया है।
बता दें कि इस ट्रैक्टर रैली के दौरान जमकर बवाल हुआ था। आलम तो यह है कि पुलिस को इसे काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ी थी।
इतना ही नहीं इस दौरान आंसू गैस के गोले दागकर आंदोलनरत किसानों का काबू करने की कोशिश की गई थी। इस दौरान करतब दिखाते समय एक ट्रैक्टर पलट गया और एक चालक की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर थी।
इसके साथ ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगह से हिंसा की खबर दिन भर आती रही। इस हिंसा को लेकर राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस से लेकर शिवेसना ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है।