जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अधिकांश राज्यों में ऑपरेशन लोटस को अंजाम देने वाली भाजपा अब बंगाल में अपने विधायकों-नेताओं को बचाने में लगी हुई है।
पश्चिम बंगाल में ऑपरेशन टीएमसी के चलते भाजपा खेमे की चिंता बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से बंगाल में भाजपा में उथल-पुथल का माहौल है। भाजपा अपने विधायकों को बचाने के लिए कानून का भी सहारा लेने की सोच रही है।
ममता बनर्जी के सत्ता में आने के कुछ ही दिनों बाद से ही भाजपा की मुश्किलें बढऩे लगी थी। टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए कई भाजपा नेताओं ने ममता से माफी मांगते हुए घर वापसी की गुहार लगाई। भाजपा की चिंता तब और बढ़ गई जब पिछले दिनों भाजपा से बड़े नेता मुकुल रॉय टीएमसी में शामिल हो गए।
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मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जाने लगे थे कि अब कई और विधायक भाजपा छोड़ टीएमसी में शामिल होंगे।
ऐसी खबरों को तब और बल मिला जब बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को पार्टी विधायकों के साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस बैठक में बीजेपी के 74 विधायकों में से सिर्फ 50 ही मौजूद थे। बाकी, 24 विधायक बैठक में नहीं आए।
अब इन ‘गायब’ विधायकों के कारण पार्टी की चिंता बढ़ गई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि ये 24 विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं। विधायकों के बैठक में न जाने से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि विधायक शुभेंदु अधिकारी की लीडरशिप के लिए तैयार नहीं थे।
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सूत्रों का कहना है कि कई भाजपा विधायक पार्टी से खफा है और कुछ विधायक मुकुल रॉय के नक्शेकदम पर चलकर टीएमसी में अपनी वापसी कर सकते हैं।
मुकुल रॉय ने पिछले हफ्ते सत्ताधारी पार्टी में अपनी वापसी की थी जिसके बाद राजीव बनर्जी, दीपेंदु विश्वास और सुभ्रांशु रॉय सहित कई अन्य नेताओं के भी टीएमसी में शामिल होने की उम्मीद है।
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कह चुकी हैं कि उनकी पार्टी “उन लोगों के मामले पर विचार करेगी जिन्होंने मुकुल के साथ टीएमसी को छोड़ा था और अब वो वापस आना चाहते थे”। उनकी पार्टी ने कहा है वह कि 30 से अधिक विधायक उनके संपर्क में हैं।
मकुल रॉय से पहले सोनाली गुहा और दीपेंदु बिस्वास समेत कई नेताओं ने ममता बनर्जी से माफी मांगते हुए कहा था कि वे पार्टी में वापस लौटना चाहते हैं।
इतना कुछ होने के बाद भी भाजपा यह कहती रही है कि सबकुछ ठीक है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि वह राज्य में दलबदल विरोधी कानून लागू करने की कोशिश करेंगे।
भाजपा को टीएमसी लोकसभा चुनाव से ही चुनौती देती आ रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ममता को काफी चुनौती दी थी लेकिन वह बड़ी चालाकी से भाजपा को चित्त कर दिया। उन्होंने भाजपा की उसी की स्टाइल में जवाब दिया।
ममता बनर्जी सत्ता में आने के बाद भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने में लगी हुई हैं। वह भाजपा को कमजोर करने के लिए ऑपरेशन टीएमसी शुरु कर दिया है। पिछले दिनों जब मुकुल रॉय टीएमसी में शामिल हुए तभी कहा गया कि अभी भाजपा का और विकेट गिरेगा। अभी जो परिस्थितियां बन रही है उससे तो ऐसा ही लग रहा है कि बंगाल में पिक्चर अभी बाकी है।
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