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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रुपए के लेनदेन को पारदर्शी बनाने के लिए देश के सभी नागरिकों के बैंक अकाउंट खुलवा रहे हैं। उनका सपना है कि सरकार विभिन्न योजनाओं से जो पैसा गरीबी को भेजती है वह सीधे उनके खाते में पहुंचे। जिससे बीच में कोई गरीबों का पैसा ना खा सके।
वर्तमान में गैस सब्सिडी से लेकर प्रधानमंत्री किसान योजना तक सबके लिए बैंक को माध्यम बनाया गया है। यही वजह है कि राष्ट्रीयकृत बैंक से लेकर निजी बैंकों तक सबको शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक बैंक खोलने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन कुछ बैंक ऐसे भी हैं जो अपनी नई शाखाओं को खोलने की बजाय पुरानी चल रही शाखाओं को बंद कर रहे हैं।
बता दें कि बुंदेलखंड क्षेत्र में इलाहाबाद बैंक की शाखाएं सर्वाधिक हैं। यहां बैंकों में लोगों की लम्बी-लम्बी लाइन देखने को मिल जाएगी। ऐसे में इलाहाबाद बैंक की गुढ़ा गांव में चल रही बैंक के बंद होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। यहां तक की लोगों ने बैंक बंद किए जाने से नाराज होकर मतदान ना करने का भी ऐलान कर दिया है।
बैंक अधिकारियों के मुताबिक, गुढ़ा में 35 साल पहले शुरू की गई इस बैंक में एनपीए बढ़ जाने से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इस बैंक शाखा का विलय गौहरारी बैंक में कर दिया गया है।
हालांकि ग्राम गुढा के प्राथमिक पाठशाला में जिला धिकारी सहदेव व पुलिस अधिक्षक स्वामी नाथ की अध्यक्षता में खुली बैठक सम्पन्न हुई जहां जिलाधिकारी ने कहा कि आप लोगो को लोकतंत्र में वोट देने का अधिकार दिया गया है, जिसको पूर्ण करें। उनहोंने कहा कि इलाहाबाद बैक का काउंटर खोलकर बैंकिंग कार्य किये जायेगे।