न्यूज डेस्क
चीन में जानलेवा कोरोना वायरस के सक्रमण की खबरों के बीच भारत सरकार भी इसको लेकर सतर्क हो गई है। सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है।
दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने 27 जनवरी को किसी भी तरह की स्थिति से निबटने में भारत की तैयारियों की समीक्षा की। हालांकि भारत में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी बड़ा मामला सामने नहीं आया है। सरकार ने इसको लेकर एक विज्ञप्ति भी जारी कर चुकी है।
देश में अब तक लगभग 450 लोगों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से अधिकतर लोग केरल में हैं। इनमें से बहुत सारे लोग हाल ही में चीन से लौटे हैं और उन्होंने एहतियात के तौर पर खुद ही मेडिकल सलाह के लिए संपर्क किया था।
इसके अलावा देश में नेपाल से सटे राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में भी सतर्कता रखी जा रही है।
मालूम हो नेपाल पहला दक्षिण एशियाई देश है जहां कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 24 जनवरी को नेपाल सरकार ने इसकी पुष्टि की थी कि चीन के वायरस प्रभावित वुहान प्रांत से लौटे एक छात्र को वायरस संक्रमण हुआ है।
मीडिया के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में चीन से लौटे कम-से-कम 436 लोगों की निगरानी की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार अब तक जितने भी लोगों के ख़ून के नमूने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे उनमें किसी का भी नमूना पॉजिटिव नहीं पाया गया।
वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने पत्रकारों से कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ तालमेल के जरिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे वॉर्ड खोले हैं जहां लोगों को एकांत में रखा जा रहा है। हालांकि अभी तक हमारे पास एक भी मामले की पुष्टि की खबर नहीं है।
चीन में जानलेवा कोरोना वायरस के सक्रमण की खबरों के बीच भारत सरकार भी इसको लेकर सतर्क हो गई है। सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है।
चीन में जानलेवा कोरोना वायरस के सक्रमण की खबरों के बीच भारत सरकार भी इसको लेकर सतर्क हो गई है। सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है।
Precaution is always better than cure.
Risk of Novel #Coronavirus can be prevented by adopting simple hygienic habits.#nCoV #HealthForAll #SwasthaBharat @PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @PIB_India @NITIAayog @MoCA_GoI @AAI_Official @DDNewslive @PIBHomeAffairs pic.twitter.com/3zE5a5TRC8— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) January 28, 2020
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी से कोरोना वायरस से प्रभावित चीन के वुहान प्रांत में अटके भारतीयों को बाहर निकालने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है जिनमें केरल के भी कई लोग हैं।
विजयन ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में बताया है कि सरकार को चीन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के संबंधियों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक़ वहां स्थिति गंभीर है।
मुख्यमंत्री ने इस चिट्ठी में लिखा, “इस बात पर विचार होना चाहिए कि वुहान और उसके पास के हवाई अड्डों पर एक विशेष विमान भेजा जाए जो वहां से भारतीयों को वापस लेकर लौटे। ”
केरल के मुख्यमंत्री इससे पहले इस मामले को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी दो बार चिट्ठी लिख चुके हैं।
केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त डॉक्टरों की एक टीम ने कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और केएमसी हॉस्पिटल का दौरा किया और तैयारियों पर संतोष जताया।
क्यों चिंतित है भारत
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जारी चिंताओं को देखते हुए पिछले सप्ताह भारत में भी एडवाइजरी जारी की गई थी। सरकार ने दिल्ली समेत देश के सात हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की ताकि अगर चीन या हांगकांग से लौटे किसी शख्स में संक्रमण के असर दिखते हैं तो उसकी तुरंत जांच कराई जा सके।
भारत की चिंता का सबसे बड़ा कारण है कि यह चीन में करीब 1200 मेडिकल स्टूडेंट चीन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें से ज्यादातर वुहान प्रांत में ही हैं। ऐसे में अगर वो वहां से लौटते हैं तो इस वायरस के भारत में आ जाने की आशंका बहुत बढ़ जाती है।
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