न्यूज डेस्क
अगर आप पुरानी नौकरी छोड़कर नई जॉब करने जा रहे है और आप पुराने ईपीएफ अकाउंट को बंद करने की सोच रहे है तो पुराने ईपीएफ अकाउंट को नए एम्प्लायर के पास ट्रान्सफर कर सकते है। इस सुविधा को पाने के लिए ईपीएफ मेंबर को 12 डिजिट का नंबर दिया जाता है, जिसे UAN कहते हैं। UAN को EPFO जारी करता है। ईपीएफओ नौकरी बदलने पर ईपीएफ अकाउंट को ऑटोमैटिक ट्रांसफर करने देता है।
नौकरी छोड़ने के बाद ईपीएफ खाता निष्क्रिय हो जाता है। इस परिदृश्य में, ब्याज जो हर साल आपके पुराने ईपीएफ में जमा होता है। यदि आप खाते से कोई पैसा नहीं निकालते हैं तो भी खाता कर योग्य हो जाता है।
पुराने ईपीएफ खाते से शेष राशि को एक नई जगह पर ट्रांसफर करने के लिए, आपको अपने यूएएन और पासवर्ड के जरिये ईपीएफ खाते को लॉगिन करना होगा। ‘ऑनलाइन सेवाओं’ ड्रॉप-डाउन पर जाएं और ‘वन मेंबर वन ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर रिक्वेस्ट’ चुनें। अपना यूएएन या पुरानी ईपीएफ सदस्य आईडी दूबारा दर्ज करने पर खाते का डिटेल दिख जाएगी।
ऑफलाइन के लिए भरे फॉर्म 13
इसके बाद चुने की आप अपने वर्तमान या पिछले एम्प्लायर को ट्रांसफर का मान्य देना चाहते हैं। पुराने खाते को चुनकर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जेनरेट करें। एक बार जब आप ओटीपी दर्ज करते हैं, तो ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया के लिए एक रिक्वेस्ट आपके नियोक्ता को भेजा जाएगा। वहीं अगर आप यह काम ऑफलाइन करना चाहते है तो उसके लिए फॉर्म 13 को भरना होगा।
आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) सभी सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ की तरफ से चलाई जाने वाली रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 20 या उससे अधिक कर्मचारी वाले संस्थानों के कर्मचारियों को पीएफ में निवेश की अनुमित देता है।
12 फीसद करना होगा योगदान
EPF स्कीम के तहत एक कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसद इसमें योगदान करना होता है, इसी के साथ नियोक्ता की तरफ से भी उतना ही योगदान दिया जाता है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को ब्याज के साथ एक बड़ी रकम मिलती है और ईपीएस के तहत पेंशन भी मिलती है।
ईपीएफओ का एक मेंबर 10 सालों तक फंड में योगदान करने के बाद ईपीएस के तहत पेंशन पाने योग्य हो जाता है। इसलिए कर्मचारियों को यह सलाह दी जाती है कि पुराने ईपीएफ अकाउंट को बंद करने की जगह नौकरी बदलने पर अपने पुराने ईपीएफ अकाउंट को नए नियोक्ता के पास ट्रांसफर कर दें।