प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. सत्ता से लम्बे समय की दूरी के बावजूद कांग्रेस ने पिछले कुछ समय में आम लोगों के अधिकारों को लेकर संघर्ष का जो रास्ता चुना है उसका असर कब नज़र आएगा ये तो देखने वाली बात होगी लेकिन बीते कई साल से हाशिये पर पड़ी कांग्रेस ने अचानक से जिस तरह अराजकता, भ्रष्टाचार और लगातार हो रही हत्याओं के साथ-साथ जनता के सवालों के जवाब सरकार से मांगने शुरू किये तो वह देखते ही देखते प्रमुख विपक्ष के रूप में सामने आ खड़ी हुई है.
उत्तर प्रदेश की सड़कों ने एक लम्बे अरसे के बाद कांग्रेस को सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए देखा है. जनता के सवालों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने लगातार जेल भरो आन्दोलन चलाये. लगातार हो रहे प्रदर्शनों की वजह से बड़ी संख्या में लोग कांग्रेस से जुड़ने लगे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कांग्रेस को प्रमुख विपक्ष के रूप में देखना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और शाहजहांपुर के आश्रम चला रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिन्मयानन्द को जेल की हवा खिलवाई. दोनों पर ही बलात्कार के आरोप थे. कोरोना काल में सरकार को मजदूरों के लिए बसों की पेशकश कर कांग्रेस ने एक बड़ा पॉलिटिकल माइलेज हासिल किया.
प्रियंका गांधी की लगातार सक्रियता की वजह से सरकार उन्हें गंभीरता से लेने लगी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस में भी उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की मांग उठने लगी है.
कांग्रेस महासचिव विश्वविजय सिंह का कहना है कि कांग्रेस के सवालों से बीजेपी और उत्तर प्रदेश की सरकार दोनों ही प्रियंका से डरे हुए हैं. प्रियंका गांधी के नेतृत्व मंक कांग्रेस ने आम आदमी के सवाल को इतनी शिद्दत से उठाया है कि सरकार बौखला गई है. इसी बौखलाहट का नतीजा है कि कांग्रेस कार्यकताओं को जेल भेजा जा रहा है. प्रियंका गांधी से बंगला खाली कराया जा रहा है.
विश्वविजय कहते है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी के नेतृत्व में अराजकता के खिलाफ सड़कों पर उतरी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्भा जाना पड़ा. कांग्रेस ने सवाल उठाये तो चिन्मयानन्द को जेल जाना पड़ा.
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार के संरक्षण में अपराध हो रहे हैं. विभिन्न मुकदमों में वांछित मंत्रियों के साथ दिख रहे हैं. कोरोना पॉजिटिव महिला के साथ अस्पताल में रेप की कोशिश की गई. प्रयागराज में पांच ब्राह्मणों की हत्या कर दी गई.
विश्वविजय सिंह से जब यह पूछा गया कि अमेठी राहुल गांधी का घर कही जाती है वहां की दो महिलाओं को लोक भवन के साथ आत्मदाह को मजबूर होना पड़ा, एक महिला की मौत हो गई. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने क्या किया? तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लगातार उठा रही है. राहुल गांधी वहां के सांसद रहें या नहीं रहें लेकिन अमेठी गांधी परिवार का घर है. अमेठी हमारी श्रद्धा का केन्द्र है. हम वहां राजनीति करने नहीं जाते. कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को लेकर हमलावर रहेगी और सरकार को मजबूर कर देगी कि वह आत्मदाह जैसा कदम उठाने वाली महिलाओं को इन्साफ दे और दोषियों को जेल भेजे.
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अपनी रणनीति बताते हुये वे कहते हैं – कांग्रेस लोगों को दैनिक आवश्यकता की चीज़ों को दिलाने के लिए भी संघर्ष कर रही है और विद्यार्थी, किसानों, मजदूरों के सवालों पर भी संघर्ष कर रही है. विपक्ष के लोग जब सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा उठाते थे तो सरकार डरा-धमका कर उन्हें चुप करा देती थी लेकिन प्रियंका गांधी के संघर्ष के सामने सरकार बैक फुट पर आ गई है. प्रियंका गांधी का वादा है कि वह लखनऊ और उत्तर प्रदेश को भरपूर समय देंगी. जनता से जुड़े मुद्दों पर उनकी पैनी निगाह है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत का कहना है कि कांग्रेस हमेशा से आम आदमी की पार्टी रही है और आम आदमी के लिए संघर्ष करती रही है. उनका कहना है कि कांग्रेस हर उस सवाल पर संघर्ष कर रही है जिसमें आम आदमी की अनदेखी हो रही है. किसानों, महिलाओं, नौजवानों और छात्रों के सवालों को हल कराने के लिए कांग्रेस लगातार संघर्ष कर रही है. इस संघर्ष के परिणाम भी अब दिखने लगे हैं. सरकार भी अब कांग्रेस केक सवालों को गंभीरता से लेने लगी है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू प्रियंका गांधी के निर्देश पर सरकार के हर गलत फैसले के खिलाफ संघर्ष में कार्यकर्ताओं का नेतृत्त्व कर रहे हैं. उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं में इससे नया जोश पैदा हुआ है और सरकार ने समझ लिया है कि अब मनमानी नहीं चल पायेगी.