जुबिली न्यूज डेस्क
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया और गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इसकी तैयारियां जोरों-शोरों पर है। दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बाहर कन्हैया कुमार के स्वागत में पोस्टर भी लग गए हैं।
कन्हैया और जिग्नेश के कांग्रेस ज्वाइन करने की चर्चा काफी समय से चल रही थी। खबर है कि आज इन दोनों नेताओं की ज्वॉइनिंग के समय राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा गुजरात कांग्रेस के युवा नेता हार्दिक पटेल भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे।
कन्हैया कुमार ने इसी महीने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
पहले दोनों युवा नेता 27 सितंबर यानी शहीद भगत सिंह की जयंती पर कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले थे लेकिन किसानों के बुलाए भारत बंद की वजह से इसे टाल दिया गया।
वैसे गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पिछले हफ्ते ही यह बता दिया था कि वह 28 सितंबर को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया के साथ कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।
कन्हैया के सहारे बिहार में जमीन मजबूत करना चाहती है कांग्रेस
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार को करारी हार का सामना करना पड़ा था। भाकपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे कन्हैया को भाजपा के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह ने उन्हें बड़े अंतर से हराया था।
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वहीं राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर कन्हैया कांग्रेस का दामन थामते हैं तो ये उनकी राजनीतिक पारी की नई शुरुआत होगी। कहा तो ये भी जा है कि कांग्रेस कन्हैया के सहारे बिहार में अपनी कमज़ोर होती जमीन को मजबूत करना चाहती है।
दरअसल कांग्रेस को बिहार में पिछले 5 विधानसभा चुनावों में कोई खास सफलता नहीं मिली है। फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 10 सीट मिली थी, जो अक्टूबर 2005 में घटकर 9 रह गई। 2010 के विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस को महज 4 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था।
हालांकि 2015 विधानसभा चुनाव में जब RJD और JDU के साथ कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा बनी तो पार्टी को 27 सीटों पर जीत मिली थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में रहने के बाद भी कांग्रेस महज 19 सीटें जीत सकी। वहीं, लोकसभा चुनाव 2019 में तो कांग्रेस को बिहार में एक सीट मिली थी। अपने पुराने परिणाम को देखते हुए कांग्रेस अब बिहार में नए नेतृत्वकर्ता के रूप में कन्हैया को लाना चाहती है।
जिग्नेश का कांग्रेस से है पुराना नाता
एससी समुदाय से आने वाले 41 वर्षीय जिग्नेश मेवानी, पहली बार हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के साथ 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान गुजरात में बीजेपी के प्रभुत्व को चुनौती देने वाले युवा चेहरे के रूप में उभरे थे। अल्पेश, हार्दिक और मेवाणी की तिकड़ी ने 2017 के चुनावों में कांग्रेस का साथ दिया था।
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जानकारों का कहना है कि 2017 के विस चुनाव में गुजरात में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे काफी हद तक सूबे के इन तीनों युवा नेताओं की तिकड़ी का ही हाथ था। इन नेताओं ने अपनी-अपनी जातियों में गहरी पैठ के कारण कांग्रेस को सूबे में भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़े होने में काफी मदद की थी।
जिग्नेश मेवाणी जहां से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, कांग्रेस ने वहां पर अपना उमीदवार भी खड़ा नहीं किया था। हालांकि कांग्रेस ने तब 77 सीटें जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन बहुमत नहीं पा सकी थी। उस चुनाव में भाजपा को 99 सीटें मिली थीं। अब कांग्रेस आगामी चुनाव से पहले मेवानी को शामिल करना चाहती है। अल्पेश ठाकोर भाजपा में शामिल हो चुके हैं और हार्दिक पहले ही कांग्रेस का हिस्सा बन चुके हैं।
जिग्नेश मेवाणी भले ही कांग्रेस में नहीं थे, लेकिन राज्य की बीजेपी सरकार के सामने विरोधी पक्ष की तरह ही दिखाई दे रहे थे। कहा जा रहा है कि इस लिहाज से उनकी यह पृष्ठभूमि कांग्रेस का हाथ मजबूत करने में मददगार साबित होगी। जिग्नेश कन्हैया कुमार की तरह वे उग्र वक्ता, वाकपटुता में माहिर हैं और विपक्ष पर तथ्यों से वार करने वाले माने जाते हैं।