जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 93-ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर अब से कुछ देर पहले ढहा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस इमारत को ढहाने के निर्देश दिए हैं. इसे रविवार यानी 28 अगस्त को 3700 विस्फोटकों की मदद से गिरा गया।
दोनों टॉवर के गितरे ही मौके पर धूल का विशाल गुब्बार देखने को मिला। अब ट्विन टॉवर की जगह सिर्फ मलबा है और आसपास के इलाकों में सिर्फ धूल ही धूल देखने को मिल रही है। अब पूरे नोएडा में एयर पॉल्यूशन होने का खतरा बढ़ गया है।
#WATCH | Once taller than Qutub Minar, Noida Supertech twin towers, reduced to rubble pic.twitter.com/vlTgt4D4a3
— ANI (@ANI) August 28, 2022
इन नियमों की अनदेखी की वजह से गिराए गए टावर
- नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों की अनदेखी कर टावर को मंजूरी मिली थी।
- दोनों टावर के बीच की दूरी 16 की बजाय सिर्फ 9 मीटर रखी गई।
- टावर वहां बने जहां ग्रीन पार्क, चिल्ड्रन पार्क और कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स बनने थे। इससे घरों में धूप आनी बंद हो गई थी।
ट्विन टॉवर के खिलाफ 12 साल पहले उदय भान सिंह तेवतिया, एस के शर्मा, एम के जैन और रवि बजाज ने संघर्ष शुरू किया था और उनकी आज ये कोशिश कामयाब हो गई ।
इसके साथ ही आजाद भारत की ये एक ऐसी घटना होगी जिसमें 32 मंजिल की दो बहुमंजिला या 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को गिराया गया लेकिन ये एक तरह से भ्रष्टाचार को भी जमींदोज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इमारतों में 9,640 छेद कर ये बारूद भरा गया था ।
वहीं नोएडा पुलिस ने आसपास का ट्रैफिक भी बंद करने का फैसला किया था । सुपरटेक के ट्विंट टावर को गिराने को लेकर नोएडा पुलिस ने ट्रैफिक प्लान तैयार किया था । जानकारी के मुताबिक दोनों टावरों से करीब 500 मीटर की दूरी तक सभी सडक़ों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। ट्विन टॉवर के ध्वस्त होने के बाद मौके पर हर तरफ मलबा ही दिख रहा है. आसपास की इमारतों में लगे विशाल पर्दे फटे हुए दिखाई दिए हैं।