Wednesday - 30 October 2024 - 6:08 PM

योगी राज पर भाजपा के दलित सांसदों को कितना भरोसा है ?

जुबिली न्यूज डेस्क

उत्तर प्रदेश में बेतहाशा बढ़ रहे अपराध की वजह से योगी सरकार कटघरे में है। पिछले कुछ दिनों में हुई बेतहाशा अपराध की घटनाओं सेे योगी सरकार के राम राज्य के दावों पर सवाल खड़े होने लगे हैं ।

काफी समय से उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लग रहा है कि पुलिस किसी की नहीं सुन रही। वह अपनी मनमर्जी कर रही है, फिर भी सरकार पुलिस पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पा रही है। हाथरस गैंगरेप मामले में पुलिस की भूमिका पर जितना सवाल उठ रहा है उतना ही योगी सरकार की कार्य शैली पर भी।

हाथरस में दलित समुदाय की एक युवती के साथ हुई हैवानियत और फिर पुलिस द्वारा उसका जबरन दाह संस्कार करने के कारण इस समुदाय के साथ ही हर आम व खास शख़्स में गुस्सा है।

यह भी पढ़ें : बिहार में ‘सेल्फी विद अस’ कैंपेने के जरिए क्या मांग रही हैं महिलाएं ?

यह भी पढ़ें :एचआईवी को हराने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति का निधन

यह भी पढ़ें : नेपाल में बसाया जा रहा है अयोध्या धाम

 

ऐसे हालात में बीजेपी के दलित नेताओं के भीतर भी बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि पीडि़ता के परिवार की ओर से बीजेपी के स्थानीय सांसद (जो दलित समुदाय से ही हैं) पर पीड़िता को सही वक्त पर इलाज मुहैया न कराने के आरोप लगाए गए हैं।

इसके अलावा एक सवाल जोर-शोर से उठ रहा है कि बीजेपी के दलित नेता इतनी वीभत्स घटना के बाद भी आवाज क्यों नहीं उठाते। वह ऐसी घटनाओं पर चुप्पी क्यों साधे रहते हैें।

हाथरस की घटना से उठे उबाल से दलित भाजपा सांसद भी परेशान हैं। उन्हें सूझ नहीं रहा कि वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ क्या बोले।

यूपी में बीजेपी के कई दलित सांसदों ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि इस घटना से सरकार और शासन की छवि को चोट पहुंची है, साथ ही राजनीतिक नुकसान भी हुआ है।

हालांकि यह उनकी सियासी मजबूरी है कि इसके बाद भी उन्हें राज्य सरकार में विश्वास होने की बात कहनी पड़ी।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’  से बातचीत में उत्तर प्रदेश बीजेपी के चार दलित सांसदों ने हाथरस मामले में पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और कहा कि इसकी उचित जांच होनी चाहिए। सांसदों ने परिवार को शामिल किए बिना युवती का दाह संस्कार करने पर भी सवाल उठाए।

यह भी पढ़ें : दिग्गजों का कद और सियासत की नई दिशा तय करेगा उपचुनाव

यह भी पढ़ें : कितनी महफूज है देश की राजधानी?

यह भी पढ़ें : यूपी : अब बलरामपुर में हुई हाथरस जैसी हैवानियत

कौशांबी के सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा, ‘निश्चित रूप से इस घटना से राज्य और हमारी सरकार की छवि खराब हुई है। इससे राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है, लेकिन राज्य सरकार परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है।’

सांसद ने इस तरह की घटनाओं के लिए पुलिस में जातिवाद और भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने की बात मानी। इसके बाद सोनकर एसपी और बीएसपी सरकारों के काम पर उतर आए और गिनाने लगे कि उनकी सरकारों में पुलिस विभाग और नौकरशाही में किस तरह जाति के आधार पर पद बांटे जाते थे।

कुछ दिन पहले ही विनोद कुमार सोनकर को बीजेपी के अनूसूचित जाति विभाग का अध्यक्ष बनाया है और उनके बयान में पार्टी लाइन के खिलाफ न जाने की राजनीतिक मजबूरी साफ दिखाई देती है।

बिहार चुनाव को लेकर बढ़ी चिंता

वहीं दूसरे सांसद न नाम न छापने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हाथरस की घटना से पार्टी को बिहार चुनाव में नुकसान होगा।

सांसद के इस बयान से साफ है कि उन्हें राजनीतिक नफे-नुकसान की चिंता है, समाज के या देश के किसी शख्स की पीड़ा से उनका कोई वास्ता नहीं।

कौशल किशोर जो मोहनलालगंज से सांसद हैं, उन्होंने राज्य की पुलिस पर गरीबों और दलितों का उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे पुलिसकर्मियों को सजा देनी चाहिए। सांसद ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि यह सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

दलितों में बढ़ी निराशा

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस घटना के बाद राज्य के दलित बेहद निराश हैं। इस घटना की मजम्मत सिर्फ इसलिए नहीं की जानी चाहिए कि यह एक दलित युवती के साथ हुआ है, ऐसी घटना किसी के साथ नहीं होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें : ख़ाक हो जायेंगे हम तुमको ख़बर होने तक…

यह भी पढ़ें : लॉ की मौत हो गई सिर्फ ऑर्डर ही बचा है : RIP JUSTICE

यह भी पढ़ें :  पीटीआई कवरेज को ‘देशद्रोही’ ठहराने वाले पत्र को प्रसार भारती बोर्ड ने नहीं दी थी मंजूरी

उन्होंने भी योगी सरकार में भरोसा जताया कि वह किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगी। सांसद ने कहा कि अगर सरकार दोषियों को सजा नहीं देगी तो उसे नुकसान होगा।

सांसदों ने बखूबी एहसास है कि इस समय उत्तर प्रदेश में क्या चल रहा है। जनता के मन में सरकार को लेकर क्या भाव है। वह भले ही पुलिस को कटघरे में खड़ा कर सरकार पर भरोसा जताकर जनता को खुश करना चाह रहे हो पर हालात इसके इतर है।

प्रदेश का दलित समाज कह रहा है कि राजनीतिक मजबूरी की वजह से ये सांसद हाथरस जैसी घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। दलित सांसद ख़ुद को और योगी सरकार को बचाने की राजनीतिक बाध्यता निभा रहे हैं लेकिन यह उन्हें भी पता है कि समाज चुप रहने वालों को माफ नहीं करेगा।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com