- जीरो टॉलरेंस : साढ़े सात साल में 80 हजार से अधिक अपराधियों को मिली गुनाहों की सजा
- 54 अपराधियों को सुनाई गई मृत्युदंड की सजा, महिला एवं किशोरियों के खिलाफ अपराधों में सर्वाधिक मृत्युदंड
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति का दिख रहा असर, लगातार सलाखों के पीछे भेजे जा रहे अपराधी
- बिना गोली और हथियार के यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय अपराधियों को कर रहा ढेर
- पिछली सरकारों में जहां अभियोजन निदेशालय हाशिये पर रहता था, वहीं योगी सरकार ने इसे खास तरजीह दी है
- एनकाउंटर के दौरान ही नहीं, न्यायालय में भी यूपी पुलिस और अभियोजन निदेशालय अपराधियों से ले रही लोहा
- अभियोजन निदेशालय ने महिला और किशोरियों से संबंधित मामलों में 28,700 अपराधियों को दिलायी सजा
- प्रदेश के 69 चिह्नित माफिया और उनके गिरोह के 29 अपराधियों और दुर्दांत/टॉप 10 कैटेगरी के 496 अपराधियों को दिलायी सजा
लखनऊ. योगी सरकार प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों की कमर तोड़ रही है। यूपी पुलिस जहां एक तरफ सीधा मुकाबला करते हुए अबतक 210 बदमाशों को ढेर कर चुकी है, वहीं एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे अपराधियों की भी है, जिन्हें न्यायालय में पुलिस की प्रभावी पैरवी से बेदम कर दिया गया है।
यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय इसमें अहम रोल अदा कर रहा है। पिछली सरकारों में जहां अभियोजन निदेशालय हाशिये पर रहता था, वहीं योगी सरकार ने इसे खास तरजीह दी है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में अभियोजन निदेशालय की प्रभावी पैरवी से पिछले साढ़े सात वर्षों में 80 हजार से अधिक अपराधियों को उनके गुनाहों की सजा मिल चुकी है।
पिछले साढ़े सात साल में 81,196 से अधिक अपराधियाें को दिलायी गयी सजा
अभियोजन निदेशालय के एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि पिछले साढ़े सात साल में 81,196 से अधिक अपराधियों को कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये सजा दिलायी गयी है।
इनमें 29,196 अपराधियों में से 54 को मृत्युदंड, 3125 अपराधियों को आजीवन कारावास, 9,076 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 16,941 अपराधियों को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गयी है। इसके अलावा पिछले 16 माह में ऑपरेशन कन्वेशन के तहत पुलिस और अभियोजन विभाग की ओर से अब तक 52,000 से अधिक अपराधियों को सजा दिलायी जा चुकी है।
महिला संबंधी अपराधों में क्रमश: महिलाओं के खिलाफ लैंगिक, बलात्कार, गंभीर अपराध, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य अपराध के मामलों में अगस्त-24 तक 28,700 अपराधियों को सजा दिलायी जा चुकी है।
इनमें केवल महिलाओं के खिलाफ लैंगिक, बलात्कार, गंभीर अपराध समेत अन्य अपराध में 16,565 अपराधियों को सजा दिलायी गयी है। इन मामलों में 9 अपराधियों को मृत्युदंड, 1,720 को आजीवन कारावास, 4,443 को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 10,393 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गयी है।
पॉक्सो एक्ट में 12,135 और प्रदेश के दुर्दांत/टॉप 10 कैटेगरी के 496 अपराधियों को दिलायी सजा
एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत अगस्त-24 तक 12,135 अपराधियों को गुनाहों की सजा दिलायी गयी है।
इनमें 44 अपराधियों को मृत्युदंड, 1,354 अपराधियों को आजीवन कारावास, 4,599 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 6,138 अपराधियों को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गयी है।
इसी तरह अगस्त-24 तक प्रदेश के दुर्दांत और टॉप 10 कैटेगरी के 496 अपराधियों को सजा दिलायी गयी है। इनमें एक अपराधी को मृत्युदंड, 51 अपराधियों को आजीवन कारावास, 34 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 410 अपराधियों को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी गयी है।
वहीं प्रदेश के 69 चिह्नित माफिया अपराधियों एवं उनके गिरोह के खिलाफ 25 मार्च 2022 से 31 अगस्त-24 तक कुल 42 मामलों में 29 अपराधियों को सजा दिलायी गयी है। इनमें एक मामले में मृत्युदंड, 5 मामलों में आजीवन कारावास, 7 मामलों में 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 29 मामलों में 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलायी है।