- एक साल में 22 फीसदी बढ़ी बेरोजगारी
- पूरे लॉकडाउन में गई 2.67 करोड़ लोगों की नौकरी
- अप्रैल में 1.77 करोड़ वेतनभोगियों की नौकरियां चली गईं
जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी का प्रसार रोकने के लिए सरकार द्वारा की गई तालाबंदी ने लाखों लोगों की नौकरी छीन ली। लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए तो लाखों लोगों की कमाई भी घट गई। यह सिलसिला अब भी जारी है।
कोरोना वायरस महामारी और तालाबंदी के दौरान नौकरीपेशा लोगों पर सबसे बुरी मार पड़ी। अनुमान है कि अप्रैल से जुलाई के दौरान 2.67 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई।
ये भी पढ़े : यूपी के इस शहर में खुला स्कूल
ये भी पढ़े :PM Cares Fund : सरकारी कंपनियों से आया दान का बड़ा हिस्सा
ये भी पढ़े : EDITORs TALK : अपराधी मस्त, पुलिस बेकाबू
यह खुलासा भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (सीएमआईई) ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में 1.77 करोड़ वेतनभोगियों की नौकरियां चली गईं। इसके बाद मई में एक लाख लोगों की नौकरी गई। इसी तरह जून में 39 लाख लोगों की नौकरियां गईं और जुलाई में एक बार फिर पचास लाख लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा।
सीएमआईई ने बताया कि वेतनभोगी नौकरियां आसानी नहीं छूटती है, मगर एक बार नौकरी छूट जाए तो दोबारा नौकरी पाना भी खासा मुश्किल होता है। इसलिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जाना चिंता की बात है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019-20 में ही वैतनिक नौकरियां अपने औसत से करीब 1.90 करोड़ कम थीं। पिछले वित्त वर्ष में ये संख्या अपने स्तर से 22 फीसदी कम थी।
ये भी पढ़े : PM Cares Fund : सरकारी कंपनियों से आया दान का बड़ा हिस्सा
ये भी पढ़े : कोरोना के बाद भारतीयों की मुश्किलें बढ़ायेगा ये बीमारी
ये भी पढ़े : शिवपाल के सपा प्रेम पर क्यों खामोश है पार्टी
सीएमआईई ने कहा है कि अनौपचारिक और गैर वैतनिक नौकरियों में इस अवधि में सुधार हुआ है और जुलाई में इन क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या बढ़कर 32.56 करोड़ हो गई जो पिछले साल 31.76 करोड़ थी। इस क्षेत्र में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सीएमआईइ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि छोटे व्यापारियों, फेरीवालों और दिहाड़ी मजदूरों को अप्रैल की तालाबंदी में बहुत नुकसान हुआ है। इस क्षेत्र में 12.15 करोड़ रोजगार में 9.12 करोड़ लोगों को नुकसान हुआ, जो इन क्षेत्रों में रोजगार पा रहे थे। रोजगार की श्रेणी में इस क्षेत्र में कुल रोजगार का 32 फीसदी हिस्सा है मगर अप्रैल में इस क्षेत्र को 75 फीसदी नुकसान का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र में रोजगार पा रहे बड़ी संख्या में लोगों ने अपने आजीविका के स्रोत को दिए।
ये भी पढ़े : तो क्या स्वास्थ्य राज्यमंत्री ऐसे हुए कोरोना पॉजिटिव
ये भी पढ़े : कोरोना के बाद भारतीयों की मुश्किलें बढ़ायेगा ये बीमारी