स्पेशल डेस्क
बेंगलुरु। चंद्रयान-2 की बदौलत शनिवार को तड़के अंतरिक्ष में इतिहास की नयी गाथा लिखने से ठीक पहले भारत को उस समय गहरा झटका लगा जब चंद्र्रमा की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर पहले विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया। इस पूरी घटना पर पूरे देश की नजर थी लेकिन ऐन वक्त पर विक्रम लैंडर का संपर्क टूटने के बाद इसरो अध्यक्ष डॉ के सिवन समेत सभी वैज्ञानिकों के चेहरे पर निराशा छा गई, आलम तो यह था कि पूरे सेंटर में एकाएक सन्नाटा छा गया। इसके बावजूद पीएम मोदी ने देश के वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हौंसला कमजोर नहीं हुआ है बल्कि मजबूत हुआ है।
आखिर 15 मिनट की पूरी कहानी
- रात करीब 1 बजकर 38 मिनट पर लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर लाने का कार्यक्रम शुरू हुआ
- इसके बाद 1: 44 मिनट पर लैंडर विक्रम ने रफ ब्रेकिंग के चरण को पार किया था।
- इसके पांच मिनट बाद यानी 1: 49 मिनट पर विक्रम लैंडर ने सफलता पूर्व अपनी गति कम कर ली थी।
1: 52 मिनट पर चांद पर उतरने के अंतिम चरण में चंद्रयान-2 पहुंच चुका था - जब चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर पहले विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया
- चंद्रमा की सतह पर उतरने से महज 2.1 किलोमीटर पहले चंद्रयान-2 अभियान योजनाबद्ध कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ रहा था लेकिन अंतिम सफलता हासिल करने से ठीक पहले विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया