जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली में सत्ता नहीं बदली है लेकिन सीएम का चेहरा जरूर बदल गया है और केजरीवाल की जगह आतिशी ने अपने 5 मंत्रियों के साथ दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है।
हालांकि राजनीतिक के जानकारों की माने तो ये एक तरह से केजरीवाल सरकार का ही विस्तार है लेकिन अंतर सिर्फ इतना है कि इस बार सीएम का चेहरा बदल गया है। कैबिनेट में 4 उन मंत्रियों को शामिल किया गया है, जो पहले अरविंद केजरीवाल की सरकार में भी मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं। अब सवाल है कि केजरीवाल से कितनी अलग है आतिशी की सरकार?
केजरीवाल ने साल 2020 में अपने साथ मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, राजेंद्र पाल गौतम और इमरान हुसैन को अपनी सरकार में शामिल किया था लेनिक आतिशी सराकर में ये पूरी तरह से बदल गया है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे बड़े नेता 2013, 2015 और 2020 की सरकार में तीनों एक साथ मंत्री बने थे लेकिन नई सरकार में इनमें से कोई शामिल नहीं है।
इन तीनों की जगह पर सौरभ भारद्वाज और मुकेश अहलावत जैसे नए नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया गया है और सौरभ भारद्वाज कुछ महीनों के लिए केजरीवाल कैबिनेट का हिस्सा रहे हैं।
बता दे कि आप की वरिष्ठ नेता आतिशी दिल्ली के कालकाजी से विधायक हैं. अरविंद केजरीवाल सरकान में वह शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, बिजली, पर्यटन, महिला एवं बाल विकास मंत्री सहित कई अन्य विभागों के मंत्री थीं। वह आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी की भी सदस्य हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से 2003 में इतिहास में उन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की थी. आम आदमी पार्टी की स्थापना के समय से ही सदस्य हैं।
इससे पहले आबकारी नीति से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद 17 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया था.