जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने कदम पीछे कर लिए है। कल तक पुतिक को सत्ता से बेदखल करने की बात करने वाले वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन को आखिरकार झुकना पड़ा है।
इंटरनेशनल मीडिया की माने तो वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और रूस के बीच शनिवार रात को आखिर समझौता हो गया। रूस को नया राष्ट्रपति देने की बात कहने वाले येवगेनी ने महज 12 घंटे में पूरी तरह से बदल गए है और समझौता करने को तैयार हो गए।
इस समझौते को कराने के लिए बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अहम भूमिका निभाई और वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के साथ रूस का समझौता कराया। पुतिन का गुस्सा इतना ज्यादा भडक़ गया था कि उन्होंने साफ कह दिया था कि वो इस मामले को सख्ती से देखेंगे।
इसका नतीजा ये हुआ कि येवगेनी अब रूस नहीं बेलारूस चले जाएंगे. इसके बाद येवगेनी प्रिगोझिन ने शनिवार देर रात अचानक घोषणा की कि उनका हिंसक, विद्रोह का प्रयास समाप्त हो गया है। येवगेनी प्रिगोझिन ने एक आधिकारिक टेलीग्राम चैनल के जरिए बयान जारी करते हुए कहा, कि ‘खून-खराबा हो सकता था इसीलिए, एक पक्ष ने जिम्मेदारी को समझा ताकि इसे रोका जा सके। हम अपने काफिले को वापस कर रहे हैं और योजना के अनुसार फील्ड शिविरों में वापस जा रहे हैं।
‘ इसके बाद वैगनर के भाड़े के सैनिकों ने शहर को छोडऩा शुरू कर दिया है। ऐसे में अब पूरा रूस पुतिन के कंट्रोल में है। इस दौरान लोगों ने वैगनर सैनिकों के साथ सेल्फी ली और उनके जयकारे लगाए।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वैगनर आर्मी ने पीठ में छुरा भोंका है। लेकिन हम अपने विरोधियों से अपने देश और देशवासियों की रक्षा करेंगे। विद्रोहियों से सख्ती से निपटा जाएगा। उधर, वैगनर ग्रुप के विद्रोह पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की का बयान आया है। ज़ेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि रूस की तानाशाही सरकार खतरे में पड़ गई है। भाड़े के सैनिकों के विद्रोह से पुतिन अब बेहद डरे हुए हैं।