जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार की सियासत में एक पूर्व सिपाही और एक पूर्व डीजीपी चर्चा में हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व सिपाही पूर्व डीजीपी पर भारी पड़ गया है।
अब यह भी जान लेते हैं कि पूर्व सिपाही ने पूर्व डीजीपी को कैसे मात दी है। ऐसा सिपाही ने क्या किया है कि चर्चा में आ गया।
दरअसल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है और ज्यादातर पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। बिहार की सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी 115-115 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं और इन दोनों दलों ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया।
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चौकाने वाली खबर यह है कि उम्मीदवारों की सूची में बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं है। पहले ऐसी चर्चा थी कि जेडीयू उउन्हें बक्सर से चुनाव लड़ायेगी, पर जब सूची का ऐलान हुआ तो इस सीट पर 15 साल पहले सिपाही का पद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए परशुराम चतुर्वेदी को मौका दे दिया गया।
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इसीलिए अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि एक सिपाही डीजीपी पर भारी पड़ गया।
कौन हैं परशुराम चतुर्वेदी
बक्सर मुफस्सिल थाने के महदा गांव के रहने वाले परशुराम चतुर्वेदी ने 15 साल पूर्व ही अपनी सिपाही की नौकरी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। चतुर्वेदी इसके बाद भाजपा किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हो गए थे। इतने लंबे समय में उन्होंने अपनी काफी पहचान बना ली है। वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी रहे हैं।
पूर्व डीजीपी को क्यों नहीं मिला टिकट
बक्सर विधानसभा सीट भाजपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है। भाजपा ने कई बार यहां से जीत हासिल की है। ऐसे में जब जदयू और भाजपा के बीच सीटों का बंटवारा हुआ, तो भाजपा ने बक्सर सीट पर दावा ठोंक दिया।
इस सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा मामूली वोटों से कांग्रेस से हार गई थी। लेकिन इस बार फिर दबाव बनाने की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में आ भी गई। ऐसे में भाजपा ने अपने ही कार्यकर्ता को इस सीट से लड़ाने का फैसला किया।
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हाल में ही वीआरएस लेने के बाद जदयू की सदस्यता ग्रहण करने वाले गुप्तेश्वर पांडेय के इस बार बक्सर सीट से विधानसभा चुनाव लडऩे की हलचल थी। उन्हें बक्सर की ब्राह्मण बाहुल्य सीट से लड़ाने की भी योजना बन चुकी थी। हालांकि, यह सीट जदयू के खाते में नहीं आई और गुप्तेश्वर को फिलहाल चुनाव लडऩे का मौका नहीं मिल पाया।
क्या कहा गुप्तेश्वर पांडेय ने ?
टिकट न मिलने की चर्चाओं के बीच पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक पर कहा कि वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने बुधवार की रात फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि मैं अपने शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। उनकी चिंता व परेशानी को भी समझता हूं।
उन्होंने कहा कि मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश-निराश होने की कोई बात नहीं है, धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती व वहां के सभी जाति-मजहब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों को पैर छूकर प्रणाम।
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