जुबिली न्यूज डेस्क
जी-20 समिट में साझा बयान भारत के लिए बड़ी उपलब्धि रही.भारत में इसे वैश्विक राजनीति और कूटनीति में कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है. वहीं अमेरिका, चीन और रूस के साथ-साथ भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में जी-20 सम्मेलन को किस तरह देखा गया. इस बारें में आपको बताएंगे.
जी 20 इस बार कई मुद्दों को लेकर चर्चा में रहा. रूस-यूक्रेन युद्ध, अफ्रीकन यूनियन का इसका स्थाई सदस्य बनना और पीएम मोदी का कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठके करना. माना जा रहा है कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण पीएम मोदी का अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात था. पीएम के आवास पर दोनो नेताओं के बीच दोनो देशों के आपसी सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ कई मुद्दे पर बातचीत हुई.
अमेरिका ने जी 20 को लेकर क्या कहा
अमेरिकी मीडिया में यूक्रेन युद्ध को लेकर ज्वाइंट डिक्लेरेशन को लेकर काफी चर्चा चलती रही. साथ ही ये भी कहा गया कि इसमें रूस का नाम तक नहीं लिया गया है. वहीं कहा जा रहा है कि अमेरिका चाह रहा था कि इंडिया जी 20 में कामयाब हो. इसलिए उसने ज्यादा जोर नहीं दिया. जी 20 में भारत और अमेरिका का बडा तालमेल देखने को मिला है. इस दौरान कई फैसले भी किए गए. जिसमे ड्रोन खरीदने और यूरोप से इंडिया तक रेल कोरिडोर बनाने की बात कही गई है. ये भी एक अहम चीज माना जा रहा है.
आइए जानते हैं इस पर जानकारों का क्या कहना हैं
मीडिया में आये एक विश्लेषण में कहा गया है कि ये जो ग्लोबल लीडरशिप की चर्चा हो रही है ये थोड़ा-बहुत प्री मैच्योर है. पिछली बार जी 20 की अध्यक्षता इंडोनेशिया ने की थी , अगले साल इस भूमिका में ब्राजिल होगा , ये तो थोड़ी बहुत सर्कुलेटरी मोमेंट है. अन्तराष्ट्रीय विश्लेषक प्रोफेसर सुमित गांगुली का मानना है कि अगर उपलब्धि की बात करें तो जितना सोचा था भारत उससे कम ही कर पाया. सबसे बड़ी बात रूस-यूक्रेन यूद्ध की आधिकारिक निंदा नहीं की गई, मै चाहता था कि जी 20 पूरी दुनिया में लोगो की जिंदगी को बदलने और जलवायु जैसे मुद्दो को लेकर ठोस बदलाव लाए. लेकिन इन सभी मुद्दो की तरफ ध्यानकेंद्रित करने की मांग उठाई गई, लेकिन इसकी हल को लेकर कोई रूपरेखा नहीं तैयार किया गया.
रूस मीडिया ने क्या कहा
औपनिवेशिक काल के बाद पुतिन पश्चिम विरोधी अभियान के नेता के तौर पर देखे जाते हैं. अगर भारत उनके साथ है तो निश्चित रूप से उन्हे खुशी होगी. शायद यही वजह है कि रूस के सरकारी चैनल ने जी 20 समिट को भारत के लिए कूटनीति जीत बताया है.
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चीन ने क्या कहा
जी 20 सम्मेलन को लेकर चीन ने सकारात्मक संदेश दिया है. चीन ने कहा है कि ये प्रभावशाली समूह दुनिया के चुनौतियों का सामने करने और आर्थिक रिकवरी के लिए मिल कर काम कर रहा है.
वहीं मीडिया की बात करें तो चीन की मीडिया में जी 20 समिट को लेकर बहुत ही कम चर्चा की गई है. हालाकि इसने ली चियांग के कार्यो का चर्चा किया है. ग्लोबल टाईम्स ने कहा कि बढ़ते मदभेदो के बीच समिट बुनियादी एकता के साथ खत्म हुआ. भारत ने खुद को ग्लोबल साउथ के आवाज के तौर पर पेश किया है लेकिन सम्मेलन में इंडिया की जगह भारत के प्रयोग को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग आलोचना कर रहे हैं.
जी 20 को लेकर पाकिस्तान ने क्या कहा
पाकिस्तान में जी 20 को लेकर कोई खास चर्चा नहीं हुई. क्योकि पाकिस्तान इस समय खुद अपनी परेशानियों से जूझ रहा है. कुछ अखबारों में पीएम मोदी ने जो भारत नेमप्लेट का इस्तेमाल किया इस बात को लेकर चर्चा की गई, वहीं मीडिया में जी 20 को लेकर दिल्ली का चेहरा छुपाने की भी चर्चा हुई. मीडिया ने ये भी कहा कि आमतौर पर जी 20 को लेकर जितनी उपलब्धि मिलनी चाहिए थी उतनी नहीं मिली.