जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को संबोधित करते हुए बताया कि उन्हें पहले का भारत कैसा लगता था।
इमरान ने कहा कि ‘1985 से पहले जब वह भारत से पाकिस्तान आते थे, तो लगता था गरीब मुल्क से अमीर मुल्क में आ गये’
गुरुवार को जब अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने हमला बोला, तो एक जगह उन्होंने भारत से पाकिस्तान की तुलना भी की।
सोशल मीडिया पर इसकी सुबह से चर्चा हो रही है।
पीएम इमरान खान ने कहा, “पाकिस्तान और भारत के दरमियान मैं आपको एक फर्क बताऊं… जब में क्रिकेट खेलकर मैं हिन्दुस्तान से पाकिस्तान आता था, तो लगता था कि गरीब-तरीन मुल्क से अमीर-तरीन मुल्क में आ गया हूँ।”
इमरान ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक लाइव टीवी कार्यक्रम में ये बात कही।
अपने संबोधन में इसके पहले इमरान ने ये बताया कि पिछले चार दशकों में कैसे पाकिस्तान के आर्थिक हालत बिगड़े हैं।
उन्होंने कहा, “इमरान खान वो राजनेता है, जिसके पास राजनीति में आने से पहले ही सब कुछ था। मैं शायद वो आदमी हूं, जिसके पास राजनीति में आने से पहले ही मुल्क में सबसे ज़्यादा शोहरत थी। मेरे पास जितने पैसे थे, वो मेरी जिंदगी के लिए बहुत थे। तो सवाल है कि मैं राजनीति में आया क्यों? ये मैं पाकिस्तान के नौजवानों को बताना चाहता हूँ।”
इमरान ने कहा कि “मेरे माता-पिता ग़ुलाम हिन्दुस्तान में पैदा हुए थे, लेकिन मैं उस पहली पीढ़ी से हूं जो एक आज़ाद मुल्क में पैदा हुई और हमें अपने मुल्क पर बड़ा गर्व था। आज से 50-55 साल पहले दुनिया में पाकिस्तान की मिसाल दी जाती थी। ”
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उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर पाकिस्तान का रुतबा था। जब हमारे राष्ट्रपति बाहर गये, तो अमेरिकी राष्ट्रपति उनसे मिलने आये। हम ऊपर जा रहे थे, लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता मैंने अपने मुल्क को नीचे आते देखा।
इमरान ने कहा कि साल 1985 के बाद इस देश में तबाही मची। पाकिस्तान में भ्रष्टाचार बढऩा शुरू हुआ। जब राजनीति के अंदर पैसा चलना शुरू हुआ, वो साल 1985 था।
प्रधानमंत्री ने कहा, तब हम देख रहे थे कि लोग फैक्ट्रियां लगाने के लिए, व्यापार करने के लिए राजनीति में आना शुरू हुए। पीएम बन रहे थे, फैक्ट्रियां लगा रहे थे और उनके वजीर भी पैसा बना रहे थे, और तभी से हमारा मुल्क नीचे जाना शुरू हुआ।”
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इसके बाद इमरान खान ने भारत से पाकिस्तान की तुलना की। उन्होंने कहा कि “मैं राजनीति में इस मकसद से आया कि पाकिस्तान में कमजोर और ताकतवर, दोनों को इंसाफ मिले और कानून दोनों को एक नजर से देखे।”
इमरान खान ने करीब आधे घंटे के अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने उनकी नीयत पर सवाल उठाये। उन्होंने बताया कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान का बाहर आना क्यों जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सीनेट की सबसे चर्चित इस्लामाबाद सीट हारने के बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है, ताकि वो पद छोड़ दें। लेकिन मैंने इससे साफ इनकार किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्यों को करोड़ों रुपये की रिश्वत पेश की गई। साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के कुछ लोगों ने खुद को बेच भी दिया।
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उन्होंने कहा कि ‘कुछ रुपयों की चोरी करने वाले पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं, जबकि प्रधानमंत्री के पद पर रह चुका आदमी अकेले ही अरबों रुपये की चोरी कर लेता है जिसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ती है।’
वहीं पाक के कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इमरान खान ने इस संबोधन के जरिए लोगों की सहानुभूति बटोरने की पूरी कोशिश की, क्योंकि विपक्ष से उन पर इस्तीफा देने का दबाव लगातार बढ़ा है, लेकिन उनकी ये कोशिश कितना काम आयेगी, यह आने वाला समय बतायेगा।