जुबिली न्यूज डेस्क
हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी खानपान में दूध सबसे अहम माना जाता है। पुराने समय से ही लोग नियमित दूध का सेवन करते आ रहे हैं। हकीम, डॉक्टर भी स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए नियमित दूध पीने का सलाह देते हैं।
दरअसल दूध में उच्च मात्रा में कैल्शियम पाई जाती है जो हड्डियों एवं दांतों को मजबूत रखने में सहायक होता है। इसके अलावा दूध में पाये जाने वाला प्रोटीन भी काफी फायदेमंद होता है।
दूध मांसपेशियों को बढ़ाने, मांसपेशियों को मजबूत करने और मसल्स कोशिकाओं की मरम्मत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होने की वजह से देश के हर घर में लोग दूध को भोजन में नियमित रूप शामिल करते हैं।
कच्चा दूध का सेवन करें या उबाल कर इस पर बहस होती रहती है। वैसे तो कच्चे दूध में अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हैं लेकिन इसमें कुछ हानिकारक बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं जो गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। इसलिए कच्चे दूध को गर्म करने या उबालने के बाद ही इसका सेवन करना बेहतर होता है।
लेकिन मौजूदा समय में ज्यादातर लोग डिब्बाबंद और पाश्चरीकृत दूध का उपयोग कर रहे हैं। दरअसल दूध के पाश्चरीकरण के कारण यह कुछ समय तक खराब नहीं होता है।
दूध को अल्ट्रा हीट ट्रीटमेंट के माध्यम से पाश्चरीकृत किया जाता है। इसका तापमान कुछ सेकंड के लिए 135 डिग्री सेल्सियस से ऊपर या 20 से 30 सेकंड के लिए 71 डिग्री सेल्सियस से अधिक रखा जाता है।
ये दोनों हीट ट्रीटमेंट की सहायता से पैकेजिंग और इस्तेमाल से पहले दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि डिब्बाबंद या पाश्चरीकृत दूध को उबालना जरूरी है या कच्चे दूध का सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक है?
यह भी पढ़ें : जवाहर लाल नेहरू को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
यह भी पढ़ें : गीतांजलि श्री ने ‘रेत समाधि’ को बुकर पुरस्कार मिलने पर क्या कहा?
यह भी पढ़ें : दिल्ली के प्रधान सचिव के लिए स्टेडियम खाली करवाने का क्या है मामला
उबाल कर पीये डिब्बाबंद दूध
जानकारों के मुताबिक पाश्चरीकरण के बाद भी दूध में रोगजनक जीवाणु जिंदा रह जाते हैं। यह हीट ट्रीटमेंट के लेवल पर निर्भर करता है, हालांकि दूध के पाश्चरीकरण से दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं लेकिन यह पूरी तरह से नहीं मर पाते हैं। इसलिए डिब्बाबंद दूध को गर्म किए बिना ही इसका सेवन करने से कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
दूध से बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए इन्हें उबालना जरूरी है। अब यह भी सवाल उठता है कि दूध को बार-बार गर्म करने से या उबालने से दूध में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, तो क्या दूध को अधिक उबालना ठीक है?
वास्तव में यह इस बात पर निर्भर करता है कि दूध को किस तरह से उबाला जाता है। दूध कैल्शियम, विटामिन ए, डी, बी1, बी12 और विटामिन के जैसे पोषक तत्वों को बढिया स्रोत है और इसमें प्रोटीन भी पर्याप्त मात्रा में पायी जाती है। इसलिए डिब्बाबंद दूध को उबालने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
यह भी पढ़ें : IAS दंपति के तबादले पर सोशल मीडिया पर यूजर्स पूछ रहे ये फनी सवाल
यह भी पढ़ें : तो क्या नरिंदर बत्रा के IOA से इस्तीफा की ये हैं असली वजह?
यह भी पढ़ें : जेल के अस्पताल में फांसी पर लटका मिला अभिषेक
यह भी पढ़ें : क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान को NCB ने दी क्लीन चिट
सबसे पहले तो बार-बार दूध को उबालने से बचें क्योंकि बार-बार दूध उबालने से इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो सकता है। दूध उबालते समय बीच-बीच में उसे चलाते रहें। दूध को कम आंच पर ही उबालें या गर्म करें क्योंकि अधिक तापमान पर इसमें मौजूद पोषक तत्व प्रभावित हो सकते हैं।
एक बार जब दूध उबल जाए और ठंडा हो जाए तो इसे अधिक देर तक बाहर न रखें, संभव हो तो ठंडा होने के तुरंत बाद इसे फ्रिज में रख दें और जब तक इस्तेमाल न करना हो, बाहर न निकालें।
फ्रिज में दूध रखने से देर तक खराब नहीं होता। दूध को माइक्रोवेब ओवन में गर्म करने की बजाय आग पर गर्म करें। ये कुछ बेहतर तरीके हैं जिनके माध्यम से डिब्बाबंद दूध को उबालने के बाद उनके पोषक तत्वों को बचाया जा सकता है।
इससे दूध का सेवन करने पर आपको संपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त हो जाएंगें और स्वाद भी बना रहेगा। इसलिए बीमारियों एवं हानिकारक जीवाणुओं से बचने के लिए दूध को उबालकर ही पीएं।