न्यूज डेस्क
पिछले साल अक्टूबर माह में व्हाट्सएप ने अमेरिकी कोर्ट में जानकारी दी थी कि एक इजरायली फर्म ने एक साफ्टवेयर के जरिए भारतीय यूजर्स की जासूसी की है। इस खुलासे के बाद भारत में संग्राम छिड़ गया था। देश के अन्य मुल्कों में भी इसको लेकर खूब बहस हुई थी।
कहते हैं न हर चीज के दो पहलू होते हैं। एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक। ऐसे ही टेक्नोलॉजी के साथ है। टेक्नोलॉजी ने जिदंगी को जितना आसान बनाया है, साथ ही थोड़ी मुश्किलों को भी बढ़ाया है। आए दिन फोन हैक करने से लेकर बैक एकाउंट हैक करने की खबरें सुनने को मिल रही है। हैकर्स फोन, सोशल मीडिया एकाउंट और बैंक एकाउंट हैक कर क्राइम कर रहे हैं।
हैकर्स आजकल हाई सिक्यॉरिटी टेक्नॉलजी को भी आसानी से बाईपास करके किसी को भी अपना शिकार बना ले रहे हैं। ऐसे ही हैकर्स का शिकार दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के मालिक जेफ बेजोस (Jeff Bezos) हुए हैं।
ऐसी खबर है कि जेफ का मोबाइल एक वॉट्सऐप मेसेज को रिसीव करने के साथ ही हैक हो गया। जिस नंबर से जेफ को मेसेज भेजा गया वह सउदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का था। दावा किया जा रहा है कि कुछ ही घंटों में जेफ के मोबाइल से काफी ज्यादा डेटा की चोरी हुई है।
The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक जेफ और सउदी प्रिंस से बातचीत के दौरान एक विडियो सेंड किया गया था। यह वीडियो एक मलीशस फाइल थी जिसे जेफ के फोन में घुसपैठ के लिए डिजाइन किया गया था।
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वहीं इससे पहले अमेरिका की एक गॉसिप मैगजीन the National Enquirer पर भी जेफ की निजी जानकारियों को लीक करने का आरोप लग चुका है। इसमें द वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलम्निस्ट जमाल खशोगी के मर्डर से जुड़ी जानकारियों को भी लीक किया गया था।
बताते चलें कि द वॉशिंगटन पोस्ट अमेरिका का जाना-माना अखबार है और इसके मालिक भी बेजॉस ही हैं।
मालूम हो कि इससे पहले भी बेजोस के निजी जिंदगी पर नजर रखने की कोशिश की जा चुकी है। गॉसिप मैगजीन the National Enquirer ने जेफ और उनकी गर्लफ्रेंड (फॉक्स न्यूज की पूर्व ऐंकर लॉरेन सांचेज) के बीच हुई बातचीत को पब्लिश कर दिया था। इसके बाद साल 2019 में जेफ ने टैबलॉइड पब्लिशर पर ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन का आरोप लगाया था।
जेफ का दावा था कि टैबलॉइड की पैरंट कंपनी American Media Inc ( AMI) ने उनसे कहा था कि उनकी निजी जिंदगी की रिपोर्टिंग का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और अगर ऐसा होता तो टैबलॉइड में उनकी ढेरों गलत तस्वीरों को छापा जाता जिनमें कुछ बेहद अंतरंग फोटो भी शामिल थे।
फिलहाल मीडिया रिपोर्ट्स के बाहर आने के बाद जेफ को AMI और सउदी अरब के कनेक्शन का अंदाजा हुआ। उनका मानना है कि वॉशिंगटन पोस्ट में खशोगी के मर्डर को लेकर की गई कवरेज से सउदी अरब के प्रिंस खुश नहीं थे। दूसरी तरफ सउदी के विदेश मंत्री अदिल अल-जुबेर का कहना है कि इस मामले से सउदी अरब का कोई सबंध नहीं है।
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