जुबिली स्पेशल डेस्क
चीन में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है। इस वजह से लॉकडाउन लगा दिया गया लेकिन ये काफी नहीं है क्योंकि प्रतिबंधों की वजह से चीन में अब लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। लोगों कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ नागरिकों ने सडक़ पर उतरकर बवाल काटा है।
अगर देखा जाये तो चीन में कोरोना का कहर फिर एकाएक रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो गया है और लोगों की मौत का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है।
वायरस फिर उसी रफ्तार से लोगों को निगल रहा है जैसे पहले हुआ करता था। आलम तो ये हैं कि राजधानी बीजिंग में सोमवार को दो लोगों की मौत हो गई।
जीरो-कोविड पॉलिसी हटाने के बाद ये पहली बार है जब सरकार ने कोरोना से मौतें होने की बात मानी है। कहा तो ये भी जा रहा है कि राजधानी बीजिंग की 70 फीसदी आबादी इस वायरस की जद में आ गई है।
इसका नतीजा ये हुआ कि लोगों को अपने घरों में कैद होने पर मजबूर होना पड़ा है। दूसरी ओर एक्सपर्ट की माने तो तीन महीने में कोरोना की तीन लहर आ सकती हैं। अभी चीन पहली लहर का सामना कर रहा है।
चीन के महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो ने तीन लहरें आने की आशंका इंकार नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि चीन अभी पहली लहर का सामना कर रहा है और इसका पीक मिड-जनवरी में आ सकता है।
उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से चीन का लूनार न्यू ईयर भी शुरू हो रहा है और इस वजह से लोग ट्रैवल करेंगे, जिस कारण दूसरी लहर शुरू होगी. इस दौरान लाखों लोग ट्रैवलिंग करते हैं। इसलिए जनवरी के आखिर से दूसरी लहर शुरू हो सकती है जो मिड-फरवरी तक चलेगी।
इससे पहले देश के कई हिस्सों में जमकर हिंसा देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर हिंसा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इतना ही नहीं पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार बहस और झड़प देखने को मिल रही है।
वीडियो में देख सकते हैं कि रात के समय में सैकड़ों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और उसी दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हो जाती है।
बीबीसी ने दावा किया है कि उनके पत्रकार को विरोध प्रदर्शन शूट करने के कारण हिरासत में लिया गया और मारपीट की गई. हालांकि, कई घंटों तक हिरासत में रखने के बाद पत्रकार को रिहा कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है।