स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कई राज्यों में कोरोना ने तेेजी से अपनी जगह बनायी है। हालांकि इसको रोकने के लिए राज्य सरकारें कड़े कदम उठा रही है लेकिन यूपी के इटावा में कोरोना वायरस के मरीजों को लेकर बड़ी लापावाही सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक यहां पर कोरोना की चपेट में 69 मरीजों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराना था लेकिन बृहस्पतिवार सुबह इटावा के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर 3 घंटे तक फुटफाथ पर कोरोना संक्रमित 69 मरीजों को इंतजार करना पड़ा।
कहा जा रहा है कि भर्ती करने से पहले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद इनको भर्ती करने में देरी हुई है।
उधर स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि कोरोना मरीजों के साथ एस्कॉर्ट टीम भेजी गई थी। मामला तब प्रकाश में आया जब सोशल मीडिया पर इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो पर गौर करे तो साफ देखा जा सकता है कि कोरोना संक्रमित 69 मरीज अस्पताल के गेट के बाहर बैठे हुए और कोई उनकों अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। इतना ही नहीं अस्पताल का गेट बंद है और पुलिसकर्मी उचित दूरी बनाने की कोरोना संक्रमित 69 मरीजों से अपील कर रहे हैं।
उधर उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस के कुलपति डॉक्टर राजकुमार ने इस पूरे मामले पर अपनी सफाई देते हुए कहा है कि मैं कह नहीं बता सकता कि किसकी लापरवाही थी लेकिन मरीज एक दिन पहले (बुधवार) की पहुंच गए थे।
उन्होंने आगे कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को भेजा जाता है तो प्रक्रिया यह होती है कि डॉक्टर या जिम्मेदारी अधिकारी मरीजों की एक सूची लेकर आता है, जिसमें मरीजों का नाम और उनकी स्थिति की जानकारी होती है। तब हम मरीजों को भर्ती करते हैं, लेकिन यह पर्याप्त सूचना की कमी थी. हमारी टीम अलर्ट थी, लेकिन वे एक दिन पहले पहुंच गए। हमारी टीम को इसकी जानकारी नहीं थी. हालांकि दस्तावेज नहीं होने के बावजूद हमारी टीम ने उन्हें अंदर किया। इसमें 30 मिनट से एक घंटे का समय लिया।
बता दें कि यूपी में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में कोरोना की चपेट में है। इनमें लखनऊ और आगरा का नाम शीर्ष पर है। मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, फिरोजाबाद, कानपुर, बुलंदशहर, अमरोहा, रायबरेली, बिजनौर और बस्ती में कोरोना ने तमाम लोगों को अस्पताल में पहुंचा दिया है। उत्तर प्रदेश में कोरोना ने आगरा जिले से दस्तक दी थी। धीरे-धीरे इसने सूबे के 57 जिलों तक अपनी पहुँच बना ली।