जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली में प्रदर्शन के लिए देशभर से जुट रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपील की है कि वे विरोध प्रदर्शन खत्म करें। सरकार सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की यह अपील कितनी कारगर होगी तो यह आने वाला समय बतायेगा, लेकिन सरकार पहले ही किसानों से बातचीत कर लेती तो आज किसान सड़क पर न होते।
देश के किसान सितंबर माह से सड़क पर है। पंजाब पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड सहित कम से कम छह राज्यों से किसान तीन नये कृषि कानून के खिलाफ लामबंद हैं।
इस कानून के खिलाफ पंजाब में सितंबर महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते रेलवे को 1670 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
रेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के किसानों के आंदोलन के कारण भारतीय रेलवे को 1,987 यात्री गाडिय़ों और 3,090 मालगाडिय़ों को या तो रद्द करना पड़ा है या गंतव्य से पहले ही सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं।
किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ‘सरकार पहले से ही किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है। हमने 3 दिसंबर को किसानों से जुड़े संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है।’
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कुछ दिनों पहले भी किसान संगठनों की केंद्रीय कृषि मंत्री से बातचीत हुई थी, लेकिन किसान आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हुए थे।
बैठक की अध्यक्षता करने वाले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बाद में कहा कि ‘बैठक में एक बात तो साफ थी कि किसानों की मांग और सरकार की स्थिति में काफी अंतर को देखते हुए सामंजस्य बैठाना आसान काम नहीं हैं, और इसे तुरंत हल नहीं किया जा सकता। मैं आभारी हूं कि वे आए और मैंने उनसे ऐसी और चर्चाओं का अनुरोध किया है।’
किसानों के आंदोलन को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बूढ़े किसान की लाठी खाते हुए तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करके कहा, ‘मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया।’
बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया।
यह बहुत ख़तरनाक है। pic.twitter.com/1pArTEECsU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जताने आ रहे किसानों को आखिरकार केंद्र सरकार ने दिल्ली आने की इजाजत दे दी। किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है, लेकिन किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें। किसानों की तैयारी देख सरकार भी सकते में आ गई है।
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शुक्रवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ जबरदस्त झड़प के बाद पंजाब व हरियाणा से आ रहे हजारों किसान टिकरी बार्डर से दिल्ली में दाखिल हुए। लेकिन सिंघू बॉर्डर पर जमा किसान शाम तक शहर में प्रवेश नहीं कर पाए जहां सुबह उनकी पुलिस के साथ जबरदस्त झड़प हुई थी।