ओम प्रकाश सिंह
अयोध्या। रामनगरी के बेसिक शिक्षा विभाग ने जूनियर बेसिक स्कूल के सहायक अध्यापकों की वरिष्ठता सूची का अनन्तिम प्रकाशन कर दिया है। ग्यारह अप्रैल तक आनलाइन आपत्तियां मांगी गई हैं।
सर्वर की गड़बड़ी से बहुत से शिक्षकों को ओटीपी ही नहीं मिल पा रहा है। वरिष्ठता निर्धारण में अंदरखाने लंबे खेल की चर्चा है।
जनपद अयोध्या के जूनियर बेसिक विद्यालयों में कार्यरत 3552 सहायक अध्यापकों/अध्यापिकाओं की अनन्तिम वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कर दिया गया। सोशल मीडिया के सहारे जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में शिक्षकों ने आपत्ति दर्ज कराने की कोशिश किया है। सर्वर की गड़बड़ी से बहुत से शिक्षकों को ओटीपी ही नहीं मिल पा रही है। नगर क्षेत्र अयोध्या के भी दो शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारित हुई है।
वरिष्ठता निर्धारण में अपनों को लाभ पहुंचाने के खेल की चर्चा भी अंदरखाने तैर रही है। वरिष्ठता सूची में उच्च प्राथमिक विद्यालय के कई सहायक अध्यापकों के नाम भी आ गए हैं जो बहुत पहले ही पदोन्नति पाए हुए हैं। जबकी सूची प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापको की है।
अधिकांश शिक्षक वरिष्ठता में जूनियर होते हुए भी सूची में सीनियर कर दिए गए हैं। वरिष्ठता सूची में नियुक्ति तिथि, चयन गुणांक तब जन्म तिथि की प्रक्रिया अपनाई जाती है। सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। शिक्षक सिर्फ इस बात की जानकारी दे सकते हैं की उनकी डिटेल में कहाँ कमी है, लेकिन अन्य की वरिष्ठता सही है या नहीं, ये नहीं जान पाएंगे।
अनेक शिक्षकों को वरिष्ठता का लाभ देने के लिए इस जनपद में अंतरजनपदीय स्थानांतरण तिथि न अंकित कर उनकी प्रथम नियुक्ति से वरिष्ठता निर्धारित कर दी गयी है, जबकि उनके साथ आये शिक्षक उनसे वरिष्ठ होने पर भी वरिष्ठता सूची में उनसे नीचे हैं।
कुछ उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भी जुड़ गए हैं, इससे पदोन्निति की पूरी सूची ही गलत हो सकती है। जो शिक्षक अनुचित तरीके से वरिष्ठता क्रम में वरिष्ठ हैं, विभाग ने यदि सही नहीं किया और किसी ने आपत्ति नहीं की तो वो पदोन्निति में अर्ह न होते हुए भी विभाग की कृपा से लाभ पा जायेगे। यह वरिष्ठ शिक्षकों के साथ विश्वासघात होगा।
सोशल मिडिया व विभागीय ग्रुप पर जो सूची है, उसमे अंतरजनपदीय से आने वाले शिक्षकों के बारे में कोई टिप्पणी अंकित नहीं है। जिससे ये सही जानकारी नहीं हो रही है की संबंधित वाह्य जनपद से है या इसी जनपद में नियुक्ति है। चर्चा है कि चहेतों को अनुचित लाभ दिलाने का खेला संभावित है।
शिक्षकों का मानना है की वरिष्ठता निर्धारण के सभी तथ्यों/आधारों को जब दिखाया जायेगा तभी समझ में आएगा कि कितनी पारदर्शिता बरती गई है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल द्वारा सभी बीएसए को भेजे गए निर्देश के अनुसार मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही व दंड का विवरण 15 फरवरी तक देना था।
अंतिम वरिष्ठता सूची राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित पोर्टल पर 20 फरवरी तक प्रकाशित करनी थी। शिक्षकों की आपत्ति 21 से 27 फरवरी तक ली जानी थी लेकिन बार-बार ट्रांसफर नीति में संशोधन के कारण शिक्षकों को इंतजार करना पड़ रहा है।