न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में कम से कम 12 टॉप आईएएस और आठ पूर्व मंत्रियों की गिरफ़्तारी होने के संकेत मिल रहे हैं। इससे पहले बुधवार को एसआइटी प्रमुख और एडीजी संजीव शमी ने इंदौर पहुंच कर छात्रा मोनिका से काफी देर तक पूंछताछ की।
पूंछताछ के दौरान छात्रा मोनिका ने बताया कि श्वेता जैन से उसकी मुलाक़ात हुई एडमिशन के सिलसिले में मोनिका भोपाल की नहीं थी और एक बड़े कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती थी। श्वेता जैन ने मोनिका को एडमिशन दिलाने की बात कही। ये दिखाने के लिए कि श्वेता जैन कितनी ताक़तवर और जुगाड़ वाली औरत है, श्वेता मोनिका को ले गई मध्य प्रदेश सचिवालय। जिससे मोनिका को पता चले कि श्वेता की सरकार में अच्छी पैठ है। श्वेता जैन ने मोनिका को कई IAS अधिकारियों से मिलवाया। श्वेता ने मोनिका को इंदौर से भोपाल आने-जाने के लिए एक महंगी ऑडी कार भी दे रखी थी।
मोनिका ने बताया कि भोपाल आने के बाद एक दिन आरती दयाल ने उसे एक वीडियो दिखाया जिसमें श्वेता जैन एक IAS अधिकारी के साथ सेक्स कर रही थी। आरती ने मोनिका को बताया कि टॉप लेवल पर पहुंचने के लिए ये सब करना पड़ता है।
इसके अलावा उसने बताया कि छोटी-बड़ी मैडम यानी आरती और श्वेता विजय जैन के संबंध कई अधिकारियों और नेताओं से हैं। वे देर रात तक वाट्सएप पर कॉलिंग किया करती थीं। मोनिका ने आरती और श्वेता के बारे में खुलकर जानकारियां दीं और कहा कि कई लोगों को तो वह खुद के फोटो और वीडियो भी भेजती हैं। लोग पोस्टिंग, ठेकों के लिए उनसे संपर्क करते थे। मोनिका ने ऐसे होटल और रेस्तरां के नाम भी बताए, जहां आरती और श्वेता अक्सर मीटिंग के लिए जाया करती थीं।
हालांकि, पुलिस छात्रा को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी कर रही है। मोनिका को जान को खतरा देखते हुए उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय ने जैसे ही संजीव शमी को SIT प्रमुख नियुक्त किया, उन्होंने आरोपित श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर, आरती दयाल, अभिषेक और ओमप्रकाश के विरुद्ध दर्ज मानव तस्करी मुकदमा की जानकारी मांगी है
हांसिल करती थी बड़े बड़े ठेके
इससे पहले एसआइटी ने श्वेता से पूंछताछ की थी, उस दौरान स्वेता ने बताया कि मंत्रियों और अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाने के बाद उनसे बड़े बड़े ठेके हासिल किए जाते थे।ठेका मिलने के बाद इन ठेकों को हाई प्रोफ़ाइल कंपनियों को कमीशन पर बेच दिया जाता था। इसके अलावा श्वेता जैन और आरती दयाल इन लड़कियों का इस्तेमाल आईएएस और आईपीएस पोस्टिंग के लिए भी करते थे। श्वेता जैन ने एसआइटी को बताया कि उसके क्लाइंट रहे लगभग सारे अधिकारी और मंत्री कम उम्र की लड़कियों की डिमांड करते थे।
जारी है एसआइटी की जांच
एसआइटी की जांच जारी है और अब तक की जांच में जो सामने आया है उसमें पता चला है कि आरती दयाल और श्वेता जैन NGO की आड़ में लड़कियों का ख़र्च उठाने और उन्हें नौकरी देने के नाम पर दर्जनों लड़कियों को इस धंधे में खींच लाइ थीं। श्वेता जैन ने बाक़ायदा 40 कॉल गर्ल्स को भी अपने रैकेट में शामिल कर रखा।
इस तरह से हुआ खुलासा
इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर हरभजन सिंह ने 17 सितंबर को इंदौर के पलसिया थाने में एक अर्जी दी। उस अर्जी में कहा था कि आरती दयाल नाम की एक महिला अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर तीन करोड़ रुपये मांग रही है। एक अख़बार के अनुसार, दोनों की पहले से ही दोस्ती थी।
नौकरी दिलवाने के बहाने आरती ने नरसिंहगढ़ की 18 साल की बीएससी की एक छात्रा मोनिका की इंजीनियर से दोस्ती करवाई और फिर एक होटल में दोनों का वीडियो बना लिया। इसके बाद से ही दोनों ही इंजीनियर को ब्लैकमेल करने लगीं. 17 सितंबर को जब आरती दयाल अपनी क्रेटा कार (MP 16 CB 4441) से मोनिका यादव और ड्राइवर ओम प्रकाश कोरी के साथ पहली किस्त के 50 लाख रुपये लेने के लिए इंदौर में विजय नगर स्थित बीसीएम हाईट्स पहुंचे, तो तो पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद इंदौर पुलिस ने मध्य प्रदेश की एटीएस पुलिस के साथ मिलकर पूरे राज्य में छापेमारी शुरू कर दी। इस दौरान आरती और मोनिका की निशानदेही पर मिनाल से श्वेता, रिवेरा से श्वेता स्वप्निल जैन और कोटरा से बरखा अमित सोनी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार इस पूरे गिरोह की मास्टरमाइंड श्वेता जैन है, जिसने अपने पति स्वप्निल जैन की मदद से प्रदेश के 12 जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा रखा है। पुलिस ने बताया कि इस पूरे गिरोह में कुल 40 महिलाएं शामिल हैं, जो एक एनजीओ की आड़ में अपना धंधा करती रही हैं।