जुबिली न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है।जल्द इन राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। पांचों राज्यों में सरकार बनाने के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है।
इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने ये बात साफ़ कर दी है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु में गठबंधन के तौर पर जीत दर्ज करने जा रही हैं, जबकि पुडुचेरी और केरल में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल को जीतने की पिछले साल से ही शुरू कोशिश ने ये साफ़ कर दिया कि गृह मंत्री अमित शाह का ध्यान काफी समय से यहां पर था। यही नहीं उन्होंने रैली में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का ऐलान भी कर दिया था। साथ ही बीजेपी लंबे समय से राज्य में सक्रिय है। कहा जा रहा है कि भगवा दल ने बंगाल में अब तक की सबसे बड़ी चुनावी व्यवस्था को तैनात किया है। इस टीम में सदस्यों की संख्या सैकड़ों में है।
हाल ही में अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने इस बात से पर्दा उठाया कि किसकी दम पर इन राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर इतने आश्वस्त हैं। वो कहते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में 18 सीटें जीती थीं।यह समझने के लिए इन नतीजों का अध्ययन करने की जरूरत है कि कैसे हम 200+ सीटों की बात कह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अगर आप लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की तुलना करे, तो आपको पता चलेगा कि हम इस आंकड़े पर किस तरह से पहुंचे। लोकसभा में 18 सीटें जीतने के बाद बीजेपी का आत्मविश्वास बढ़ा है।
उनका कहना है कि 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सुधार करते हुए 2 से 18 सांसद तक पहुंची और टीएमसी के वोट शेयर के लगभग बराबर थी। इसके अलावा बीजेपी ने महिला वोटरों को ध्यान में रखते हुए भी एक बड़ा दांव खेला है।
दूसरी तरफ बंगाल में पार्टी में अंदर टिकट वितरण को लेकर जो विवाद हुआ उनपर उन्होंने कहा कि यह आंतरिक मामला है, चूंकि हम अनुशासित और कैडर आधारित पार्टी हैं, तो हम इन मुद्दों को सुलझा लेंगे। यह बातें चुनाव को प्रभावित नहीं करेंगी।
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गृह मंत्री ने बताया कि मैं केवल यह कह सकता हूं कि सीएए केंद्रीय कानून है। कांग्रेस ने चुनावी अभियानों के दौरान कई बार कहा कि वे सीएए को लागू नहीं होने देंगे, लेकिन वे नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन को लेकर कुछ क्यों नहीं कह रहे हैं। राहुल गांधी को असम के लोगों को बताना चाहिए की एनआरसी को लेकर कांग्रेस की नीति क्या है।
असम राज्य में कांग्रेस ने बदरुद्दीन अजमल की AIUDF के साथ चुनाव लड़ने के फैसले पर शाह ने कहा है कि असम के लोग आतंकवाद, अवैध घुसपैठ और प्रदर्शनों से परेशान हो चुके हैं। आप अजमल के साथ रहकर इन परेशानियों को खत्म होना सुनिश्चित नहीं कर सकते।
बीजेपी शासन में चरमपंथियों में भारी कमी आई है। इसके अलावा उन्होंने ब्रह्मपु्त्र नदी पर पुल, सड़क निर्माण और चाय बगानों में काम करने वालों की कमाई में बढ़त का भी जिक्र किया।