Tuesday - 29 October 2024 - 5:04 PM

होमगार्ड के घर दीवाली पर नहीं जलेंगे दिए, सरकार ने छीन ली नौकरी!

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। दिवाली के मौके पर जहां लोगों के यहां खुशियां मनाने का दौर शुरू हो रहा है, वहीं यूपी में 25 हजार होमगार्ड के यहां इस बार दीवाली नहीं मनेगी। वह इसलिए कि योगी सरकार ने सोमवार को बजट का हवाला देकर इनकी ड्यूटी खत्म कर दी।

बता दें कि ड्यूटी करने वाले होमगार्डों की संख्या में भी 32 फीसदी तक की छंटनी की गई है। वहीं एडीजी के आदेश के बाद 25 हजार होमगार्ड की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। एडीजी पुलिस मुख्यालय, बीपी जोगदंड ने ये आदेश जारी किया। 28 अगस्त को मुख्य सचिव की बैठक में ड्यूटी समाप्त करने का फैसला लिया गया था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 90 हजार से ज्यादा होमगार्ड्स हैं। अब तक 40 हजार होमगार्ड्स की ड्यूटी समाप्त की जा चुकी है। वहीं अब होमगार्ड को 25 दिन के बजाय अब 15 दिनों की ही ड्यूटी मिलेगी।

यूपी के होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान का बयान किसी भी होमगार्ड को निकाला नहीं जाएगा। सभी होमगार्डों को समायोजित किया जाएगा, औपचारिक रूप से चेतन चौहान का बयान कि उनके पास अभी पत्र का कोई मसला सामने नहीं आया है। अगर ऐसा होता भी है तो मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि किसी की भी नौकरी जानी नहीं चाहिए। हम दावा करते है कि 31 मार्च के बाद सभी जवानों को ड्यूटी मिलेगी।

महज 172 रुपए के बोझ से बचने के लिए योगी सरकार ने खत्म की 25 हजार होमगार्ड्स की सेवाएं

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सभी होमगार्डों को 675 रुपए दिए जा रहे हैं। बजट की समस्या है परंतु इस मसले पर आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे हैं और हम मुख्यमंत्री से भी इस पूरे मसले पर बात करेंगे। मुख्यमंत्री से बजट की मांग की जाएगी और आने वाले समय में यह पूरा विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सभी होमगार्ड बेहतर कार्य कर रहे हैं सरकार नौकरी दे रही है किसी की नौकरी छीनी नहीं जाएगी।

इसलिए सरकार ने लिया फैसला

जानकारी के मुताबिक, पुलिस के बराबर वेतन किए जाने के बाद बजट का भार बढ़ गया, इसलिए सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है। माना जा रहा है कि होमगार्ड स्वयंसेवकों का दैनिक भत्ता 500 रुपये से बढ़ाकर 672 रुपये करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह छंटनी की जा रही है, क्योंकि सरकार बजट बढ़ाने को तैयार नहीं है।

आदेश में कहा गया है कि होमगार्ड स्वयंसेवकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए मानदेय के रूप में भुगतान की जाने वाली धनराशि का आकलन माहवार कराकर एक हफ्ते के अंदर पुलिस मुख्यालय को अवगत कराएं। आकलन चार्ट पर जनपद प्रभारी का नाम व पदनाम सहित स्वयं का हस्ताक्षर होना चाहिए

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25 दिन ड्यूटी का मिलता था मौका

ड्यूटी रोटेट करके काम देने से प्रत्येक होमगार्ड को 25 दिन ड्यूटी का मौका मिलता था। अब 25 हजार ड्यूटी खत्म होने से रोटेशन में एक-एक होमगार्ड को महीने में अधिकतम 15-15 दिन का काम मिल पाएगा। ऐसे में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का लाभ मिलने के बजाए नुकसान होने जा रहा है।

उदाहरण के तौर पर पहले रोज 500 रुपये भत्ता और 25 दिन काम मिलने से उसे महीने में 12,500 रुपये मिलते थे। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे 672 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता मिलेगा, लेकिन काम 15 दिन का ही मिलेगा। यानी महीने भर में उसे 10 हजार 80 रुपये ही मिलेंगे।

अगले सत्र का बजट मिलने तक रहेगी मुश्किल

जिलों को दिए गए 25 हजार होमगार्ड में से अधिकतर ट्रैफिक संचालन से जुड़े हैं। ऐसे में अचानक होमगार्ड की सेवा समाप्त होने से ट्रैफिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। प्रमुख सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने बताया कि एक दिन की ड्यूटी के बदले 672 रुपये देने से मौजूदा बजट पर असर पड़ा है।

नया बजट अगले सत्र में मिलेगा तब तक थोड़ी समस्या रहेगी। 25 हजार होमगार्ड हटाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है। पुलिस के आदेश पर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी।

होमगार्ड एसोसिएशन का कहना है

उत्तर प्रदेश सरकार होमगार्ड जवानों को हटाकर PRD जवानो को ड्यूटी दे रही है, न्यायालय के आदेश का पालन तो दूर उस पर विचार तक नहीं किया गया। ऊपर से हजारों जवानो को घर बैठाकर भीख मांगने के लिए छोड़ दिया है। एक तरफ सरकार राज्य कर्मचारियों को दिवाली का बोनस देने जा रही है वही दूसरी तरफ हम जवानों को घर बैठाकर क्या बताना चाहते है। न्यायालय के आदेश का यूपी सरकार ने मज़ाक बना दिया है। हमें दो रोटी खाने के लिए भिखारी बनाया जा रहा है। हम कानून में विश्वास रखते है दोबारा कोर्ट जायेंगे और सरकार की इस नीति को बताएंगे। हम होमगॉर्ड्स ने कभी ये नहीं सोचा था कि सबका साथ- सबका विकास करने वाली सरकार की मंसा ऐसी होगी। हमारा परिवार दिवाली नहीं मनायेगा।

रामेन्द्र कुमार यादव, प्रदेश अध्यक्ष, होमगार्ड एसोसिएशन  

दिवाली मनाने के लिए चौराहों पर भीख मांगते नजर आए होमगार्ड्स

इसका विरोध जताते हुए मंगलवार को मेरठ के चौराहों और रोडवेज बस स्टॉप पर होमगार्ड्स के जवान हाथ में कटोरा लिए भीख मांगते नजर आए। आज उनके व उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

कल तक होमगार्ड्स के जो जवान हाथ में डंडा लिए कानून व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का सहयोग कर रहे थे आज उनके हाथों में कटोरे थे। योगी सरकार के एक फैसले ने उनके दिन का चैन व रातों की नींद उड़ा दी है।

एक तरफ बोनस तो दूसरी तरफ काली कर दी दिवाली

एक तरफ उप्र. सरकार राज्य कर्मचारियों को दिवाली का बोनस बांटने की घोषणा की जा चुकी है तो दूसरी तरफ होमगार्ड जवानों की दिवाली काली करके उनके घरों में अंधेरा कर दिया है। होमगार्ड जवानों का कोई निश्चित वेतन नहीं होता। उन्हें केवल ड्यूटी के आधार पर ही वेतन मिलता है।

दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया था कि होमगार्ड के जवानों का वेतन यूपी पुलिस के सिपाही के बराबर किया जाए। इस आदेश से होमगार्ड जवानों के चेहरों पर खुशी थी लेकिन आज उनके चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही थी।

चेतन चौहान ने कहा कि सीमित जवान और कम ड्यूटी के फॉर्मूले से हल निकला है। 31 मार्च के बाद सभी को नए मानदेय के साथ ड्यूटी मिलेगी। मंत्री ने कहा कि नए बजट में होमगार्ड और पुलिस का बजट बढ़ेगा।

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