जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने होमगार्डो को पुलिस के बराबर वेतन व एरियर देने पर सहमत तो हो गई है। लेकिन इस सहमति के पीछे कहानी कुछ और ही रची जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस पर होने वाले अतिरिक्त खर्च का भार कम करने के लिए 25 हजार होमगार्डों की तैनाती खत्म करने पर सरकार विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के 30 जुलाई के आदेश के संबंध में 28 अगस्त को उच्च स्तरीय बैठक हुई। सूत्रों की माने तो गृह विभाग के बजट से भुगतान के आधार पर ड्यूटी करने वाले 25 हजार होमगार्डों की तैनाती खत्म करने पर विचार हुआ है।
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सरकार प्रदेश के होमगार्डों को दिल्ली के होमगार्डों को दिए जा रहे ड्यूटी भत्ते के बराबर भुगतान करने की योजना की बात भी चल रही है। एरियर भुगतान की कट ऑफ डेट भी तय की जा चुकी है।
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प्रदेश में वर्तमान में 92 हजार होमगार्ड हैं। इनमें से करीब 87 हजार ड्यूटी कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर इन्हें 500 के बजाय 672 रुपये दैनिक भत्ता मिलेगा। यानी प्रति होमगार्ड 172 रुपये रोजाना खर्च बढ़ जाएगा। 87 हजार होमगार्डों के हिसाब से रोजाना 1 करोड़ 49 लाख 64 हजार का अतिरिक्त खर्चा होगा।
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सरकार को 6 दिसंबर 2016 से एरियर भी देना है। इस पर आने वाले खर्च का रास्ता 25 हजार होमगार्डों की तैनाती समाप्त कर निकालने की तैयारी है।
हालांकि अभी इस पूरा मामला स्पष्ट नहीं है, क्योंकि जब तक सरकार कुछ स्पष्ट नहीं करती तब तक कुछ भी कहना गलत होगा। हां ये और बात है यदि सरकार कोई ऐसा फैसला लेती है तो होमगार्ड फिर सड़कों पर उतर सकते है।
सरकार कान खोल के सुन ले होमगार्ड कोई डिपोसल ग्लास नहीं है इस्तेमाल किया और फेक दिया। ये किस कानून में लिखा है वर्दी पहनाओ और घर पर बिठाओ। सरकार जवानों को घर बैठाकर अपराध करने के लिए विवश कर रही है। यदि ऐसा हुआ तो हम व्यवस्था संभालना जानते है तो बिगाड़ने में भी समय नहीं बर्बाद करेंगे। पुलिस के बराबर वेतन यूपी के हर जवान को नहीं दे सकते हो तो होमगार्ड विभाग में ताला लगा दो और सभी जवानो को पुलिस में शामिल करो। काम तो वैसे भी सारा पुलिस के बराबर ही करते है। यदि कोर्ट की बात सरकार ने नहीं मानी तो सड़क पे आंदोलन करेंगे और कोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाएंगे।
रामेन्द्र कुमार यादव, प्रदेश अध्यक्ष, होमगार्ड एसोसिएशन