पॉलिटिकल डेस्क
यूपी की 80 लोकसभा सीटों में पहला क्षेत्र सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र है। सहारनपुर को जैन रईस शाह रणबीर सिंह के द्वारा स्थापित किया गया था जिन्हें सहारनपुर की जागीर मुगल शासक अकबर द्वारा दी गयी थी। उससे पहले यह सिर्फ एक छोटा गांव था जहां सेना की छावनी हुआ करती थी।
सहारनपुर उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग में बसा हुआ है। यह उत्तरी तरफ से शिवालिक पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है, जो इसे देहरादून से अलग करता है। हरियाणा, उत्तराखंड व हिमांचल प्रदेश बॉर्डर के समीप बसा ये शहर उपजाऊ कृषि क्षेत्र से घिरा हुआ है, जहां बासमती चावल और आम की अच्छी फसल होती है।
सहारनपुर लकड़ी की नक्काशी के उद्योग के लिए दुनिया भर में मशहूर है और पश्चिमी देशों में इसका निर्यात भी होता है। यह प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 550 किलोमीटर और देश की राजधानी दिल्ली से 165 किलोमीटर दूर है।
आबादी/ शिक्षा
सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें सहारनपुर नगर, सहारनपुर देहात, नाकुर, देओबंद, बेहात, गंगोह और रामपुर मनिहरण है। 2011 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 3,466,382 है। यहां का जनसंख्या घनत्व 900 प्रति किलोमीटर वर्ग है।
सहारनपुर जनसंख्या की दृष्टि से देश में 92वें स्थान पर है। यहां की साक्षरता दर 72.03 प्रतिशत है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,608,833 है जिसमें महिला मतदाता 735,452 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 873,318 है।
राजनीतिक घटनाक्रम
सहारनपुर सीट पर सबसे पहला चुनाव 1952 में हुआ था, तब से लेकर 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था। 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव से लेकर 1996 में तक इस सीट पर जनता दल या जनता पार्टी का कब्जा रहा।
हालांकि बीच में 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की थी। 1996 के बाद ये सीट दो बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार बहुजन समाज पार्टी, एक बार समाजवादी पार्टी और फिर 2014 में भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई। भाजपा के राघव लखनपाल सहारनपुर सीट से जीते और अभी वहां के तत्कालीन सांसद हैं।