पॉलिटिकल डेस्क।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र है जिसे मोहम्मद शाह के मंत्री वजीर गाजी-उद-दीन ने स्थापित किया था। तभी इसका नाम गियासुद्दीन नगर पड़ा जो बाद में बदल कर गाजियाबाद हो गया। इसे उत्तर प्रदेश का द्वार भी कहते हैं क्योंकि दिल्ली से उत्तर प्रदेश आने का यही रास्ता है। यह एक बहुत बड़े योजना के तहत बनाया गया क्षेत्र है।
गाजियाबाद दुनिया का दूसरा सबसे तेजी से बढ़ता शहर है। यहां 2 बड़े डिवीजन हैं जो हिंडोन नदी से अलग होते हैं, पश्चिम में ट्रांस हिंडोन और पूरब में सिस हिंडोन। यहां कई बड़े टेक्निकल कॉलेज हैं। यह कानपुर के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है।
आबादी/ शिक्षा
गाजियाबाद 133.3 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की आबादी 2,358,525 है, जिसमें से 1,256,783 पुरुष और 1,101,742 महिलाएं हैं। यहां साक्षरता दर 93.81 प्रतिशत है। वर्तमान में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2,357,553 है जिसमें महिला मतदाता 1,024,455 और पुरुष मतदाताओं की कुल संख्या 1,333,055 है।
राजनीतिक घटनाक्रम
गाजियाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद और ढोलना शामिल है। निर्वाचन क्षेत्र बनने के बाद गाजियाबाद में पहली बार 2009 में चुनाव हुए जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोएल को हराकर भारतीय जनता पार्टी के राजनाथ सिंह गाजियाबाद के सांसद बने। राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। श्री सिंह वर्तमान में लखनऊ के सांसद और केंद्र में गृहमंत्री भी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय कुमार सिंह कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर कुर्सी पर बैठे और अभी वो अपना पद संभाल रहे हैं। विजय कुमार (वीके सिंह ) आर्मी के चार स्टार जनरल के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और राज्य के विदेशी मामले में मंत्री भी हैं। वीके सिंह उत्तर पूर्वी विकास मंत्रालय में स्वतंत्र भार संभाल चुके हैं।