पॉलिटिकल डेस्क
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में अंबेडकरनगर 55वें नंबर की सीट है। गरीबों, पिछड़ों और कमजोर तबके के मसीहा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की के नाम पर बना ‘अंबेडकर नगर’ फैजाबाद मंडल का हिस्सा है। उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश में बसा यह जिला 29 सितम्बर 1955 में अस्तित्व में आया। 72520 वर्ग किलोमीटर में सरयू के किनारे बसा यह जिला उत्तर में बस्ती और संत कबीर नगर, उत्तर-पूर्व में गोरखपुर, दक्षिण में सुल्तानपुर, पश्चिम में फैजाबाद और पूर्व में आजमगढ़ से घिरा हुआ है।
अंबेडकर नगर में इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज समेत शिक्षा के समुचित संसाधन मौजूद है। अंबेडकरनगर राम मनोहर लोहिया की जन्मभूमि होने के नाते भी खासा महत्व रखता है। अंबेडकर नगर टेराकोटा उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। 2006 में इसे पंचायती राज मंत्रालय के द्वारा देश के 250 अति पिछड़े इलाकों में शामिल किया गया था। यह उत्तर प्रदेश का 34वां जिला है जिसे पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत राशि मिलती है।
आबादी/ शिक्षा
2011 की जनगणना के मुताबिक अंबेडकरनगर की आबादी 2,397,888 है जिनमे महिलाओं की संख्या 1,185,478 और पुरुषों की संख्या 1,212,410 है। 2001 से 2011 तक अंबेडकर नगर की आबादी में 18.30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आबादी के हिसाब से अंबेडकर नगर भारत के 640 जिलों में 186वें पायदान पर है। यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 978 महिलायें है। यहां की औसत साक्षरता दर जो 2001 की जनगणना में 58.43 प्रतिशत थी वो 2011 में बढ़कर 72.23 प्रतिशत हो गई। पुरुषों की साक्षरता दर 81.66 प्रतिशत, जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 62.66 प्रतिशत है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1,718,774 है जिसमें महिला मतदाता 795,143 और पुरुष मतदाता की संख्या 923,552है।
अंबेडकर नगर लोकसभा सीट में उत्तर प्रदेश की पांच विधानसभा सभा सीटें आती है जिसमें गोसाईंगंज ,कटेहरी, टांडा, जलालपुर, अकबरपुर शामिल हैै। टेहरी, टांडा, जलालपुर और अकबरपुर की विधानसभा सीटें पहले अकबरपुर लोकसभा में आती थी।
राजनीतिक घटनाक्रम
अंबेडकरनगर एकमात्र ऐसी लोकसभा की सीट है जिसने हर दल को मौका दिया है। जीत का स्वाद हर राजनीतिक दल को चखाया है। यह अलग बात है कि किसी को आम तो किसी को उपचुनाव में जीत मिली। पूर्व में फैजाबाद पूर्व के नाम से, कालांतर में अकबरपुर सुरक्षित सीट के नाम से और अब अम्बेडकरनगर नाम की संसदीय सीट के लिए अब तक 18 चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 16 सामान्य और दो उप चुनाव शामिल हैं। इस सीट पर कांग्रेस को पांच बार सफलता मिली है। 1952, 1957 और 1962 में कांग्रेस के पन्नालाल लोकसभा का चुनाव जीते थे। 1967 में जगजीवन राम और 1984 में रामप्यारे सुमन को जीत मिली थी। 1984 के बाद से कांग्रेस यहां दोबारा वापसी नहीं कर पायी। अंबेडकर नगर को बसपा का गढ़ कहा जाता है। यहां बसपा को पांच बार जीत मिली।
1996 में पहली बार घनश्याम चंद्र खरवार जीते थे। 1998, 99 और 2004 में मायावती ने जीत की हैट्रिक लगाई थी। 2002 में उपचुनाव भी हुआ था। उपचुनाव में में त्रिभुवन दत्त ने बाजी मारी थी और सांसद चुने गए थे। वहीं 2009 के आम चुनाव में बसपा के ही राकेश पांडेय निर्वाचित हुए थे। समाजवादी पार्टी को अंबेडकर नगर की लोकसभा सीट पर अभी किसी भी आम चुनाव में कामयाबी नहीं मिली है। मायावती के इस्तीफा देने के कारण साल 2004 में में उपचुनाव हुआ था। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के शंखलाल मांझी सांसद चुने गए थे। इस सीट पर भाजपा को हार को जीत में बदलने में भारतीय जनता पार्टी को डेढ़ दशक लग गए। 1989 में महज 127 वोटों से चुनाव में हारने वाली भारतीय जनता पार्टी को अंबेडकरनगर संसदीय सीट पर पहली बार 2014 में जीत नसीब हुई। भाजपा के हरिओम पांडेय सांसद चुने गए और इस सीट से सांसद चुने जाने वाले भगवा खेमे के पहले सांसद भी बने।