न्यूज़ डेस्क
जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बीते दिन केरल के लोगों ने राहुल गांधी के संसद पहुंचाने पर सवाल उठाये। उन्होंने केरल के लोगों से कहा कि आप लोगों ने ‘खानदान की पांचवी पीढ़ी’ के राहुल गांधी को संसद क्यों भेजा? उनके पास भारतीय राजनीति में ‘कठोर परिश्रमी और खुद मुकाम बनाने वाले’ नरेंद्र मोदी के सामने कोई मौका नहीं है।
दरअसल मौका था केरल साहित्य महोत्सव का। महोत्सव का दूसरा दिन ‘राष्ट्र भक्ति बनाम अंधराष्ट्रीयता’ विषय पर आधारित था। इस आयोजित सत्र को संबोधित करने इतिहासकर रामचंद्र गुहा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मैं निजी तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ नहीं हूं। वह सौम्य और सुसभ्य व्यक्ति हैं, लेकिन युवा भारत एक खानदान की पांचवी पीढ़ी को नहीं चाहता।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का स्वतंत्रता संग्राम के समय ‘महान पार्टी’ से आज ‘दयनीय पारिवारिक कंपनी’ बनने के पीछे एक वजह भारत में हिंदुत्व और अंधराष्ट्रीयता का बढ़ना है। अगर आप मलयाली दोबारा राहुल गांधी 2024 में चुनने की गलती करते हैं तो शायद आप नरेंद्र मोदी को ही बढ़त देंगे।’
Historian Ramachandra Guha at Kerala Literature Festival in Kozhikode: Why did you (Malyalis) elect Rahul Gandhi to Parliament. I have nothing against Rahul Gandhi personally. He is a decent fellow,very well-mannered. But young India does not want a fifth-generation dynast.(17.1) pic.twitter.com/B8MEnPKMME
— ANI (@ANI) January 18, 2020
गुहा ने कि कहा भारत के लिए सबसे अच्छा काम केरल ने किए हैं, लेकिन राहुल गांधी को चुनकर एक गलत काम किया है। नरेंद्र मोदी की असली बढ़त यह है कि वह राहुल गांधी नहीं हैं। उन्होंने इस मुकाम को खुद हासिल किया है। उन्होंने 15 साल तक राज्य को चलाया है और उनमें प्रशासनिक अनुभव है।
इसके अलावा उन्होंने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह उल्लेखनीय रूप से कठिन परिश्रम करते हैं और कभी यूरोप जाने के लिए छुट्टी नहीं लेते। मेरा विश्वास कीजिए, मैं यह सब गंभीरता से कह रहा हूं।’ साथ ही उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और ‘मुगल वंश के आखिरी’ दौर से उनकी स्थिति की तुलना की।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी और केरल के वायनाड से चुनाव लड़े थे। लेकिन वो अपनी परंपरागत सीट अमेठी नहीं बचा पाए और स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया था लेकिन केरल के वायनाड से उन्हें जीत मिली थी।