जुबिली स्पेशल डेस्क
हाल के महीनों में पाकिस्तान में मंदिरों पर हमले और तोडफ़ोड़ की कई घटनाएं देखने को मिली। एक बार फिर पाकिस्तान में बुधवार को कराची शहर के कोरांगी इलाके के श्री मारी माता मंदिर में कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। इस दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी तोड़ डाला गया।
पाकिस्तानी मीडिया की माने तो पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद वहां पर माहौल खराब हो गया औरपाकिस्तान में एक बार फिर से अल्पसंख्यकों की आस्था पर हमला हुआ है।
बता दे कि इससे पूर्व पिछले साल पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद चर्चा में थी । चर्चा का कारण था हिंदू मंदिर। दरअसल इस्लामाबाद में सरकार पहला हिंदू मंदिर का निर्माण करा रही थी । सरकार के इस फैसले से जहां हिंदू अल्पसंख्यक खुश थे तो वहीं धार्मिक मुस्लिम तबकों में इसका खूब विरोध हो रहा था ।
इस्लामाबाद में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था । भगवान श्रीकृष्ण का यह मंदिर एक एक कम्प्लेक्स नुमा इमारत में बनाया जा रहा था । इस कॉम्प्लेक्स में शमशान घाट, कम्यूनिटी हॉल, लोगों के ठहरने की जगह और पार्किंग की व्यवस्था होगी।
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पाकिस्तान की हिंदू काउंसिल के अनुसार यहां हिंदुओं की आबादी लगभग 80 लाख है। इनमें से ज्यादातर लोग दक्षिणी सिंध प्रांत में रहते हैं। जब भारत और पाक का विभाजन हुआ था तब पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 25 प्रतिशत थी।
इनमें एक बड़ी आबादी सिंध और उस वक्त के पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा बांग्लादेश) में रहने वाले हिंदुओं की थी। अब पाकिस्तान में सिर्फ पांच प्रतिशत अल्पसंख्यक बचे हैं।