जुबिली न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने 20 मार्च तक के लिए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस विधायकों हर्षवर्धन चौहान, सतपाल रायजादा, सुंदर सिंह ठाकुर और विनय कुमार को निलंबित कर दिया है। यह निलंबन विपक्षी नेताओं द्वारा विरोध करने और विधानसभा के बाहर राज्यपाल को रोकने की कोशिश करने के बाद किया गया है।
दरअसल इन नेताओं पर आरोप है कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्राया के साथ शुक्रवार को विधानसभा परिसर में कुछ कांग्रेस सदस्यों ने कथित रूप से से धक्का-मुक्की करने का प्रयास किया था। इसके बाद विधानसभा के शेष बजट सत्र के लिए इन पांचों विधायकों को निलंबित कर दिया गया है।
Himachal Pradesh Assembly has suspended 5 MLAs – LoP Mukesh Agnihotri, Harshwardhan Chauhan, Satpal Raizada, Sunder Singh Thakur & Vinay Kumar till March 20th. This comes after Opposition leaders protested & tried to stop Governor outside Assembly.
(Visuals from the Assembly) pic.twitter.com/rFSnZVP21U
— ANI (@ANI) February 26, 2021
स्पीकर विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस के विधायकों को संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा पारित प्रस्ताव पर निलंबित कर दिया गया है।
कहा गया कि विपक्षी सदस्यों ने स्पीकर के कक्ष के सामने राज्यपाल को रोकने की कोशिश की, जब वह बजट सत्र की शुरुआत वाले दिन विधानसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और परमार के साथ जा रहे थे। स्पीकर ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों का यह काम नियमों के खिलाफ था।
पांच विधायकों के निलंबन के समय कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं था। भारद्वाज द्वारा स्थानांतरित किए गए प्रस्ताव पर विचार करने के लिए विधानसभा को पहले दिन सोमवार को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
सदन में प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए, संसदीय कार्य मंत्री भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर ने इस तरह की मैनहैंडलिंग को राज्यपाल पर हमला कहा है। हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस विधायकों की हताशा साफ नजर आ रही है।
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इससे पहले राज्यपाल ने विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के बीच विधानसभा में अपना संबोधन खत्म किया था। जैसे ही सदन सुबह 11 बजे शुरु हुआ, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्य अपनी सीटों से उठे और नारे लगाने लगे। इस बीच राज्यपाल ने अपने संबोधन की अंतिम पंक्ति पढ़ी और कहा कि पूरे भाषण को पढ़ा हुआ माना जाना चाहिए।
कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि यह संबोधन झूठ का पुलिंदा था। उन्होंने कहा कि रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा इस संबोधन में शामिल नहीं था। आपको बता दें कि विधानसभा का यह सत्र 20 मार्च को समाप्त होने वाला है। वहीं, स्पीकर विपिन परमार ने बताया कि मुख्यमंत्री 6 मार्च को विधानसभा में 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगे।