Tuesday - 29 October 2024 - 12:15 AM

हाईकोर्ट ने ट्रैक्टर रैली हिंसा की जांच की मांग वाली याचिका सुनने से किया इनकार

जुबिली न्यूज डेस्क

दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और सुरक्षा में कथित चूक की जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से गुरुवार को इनकार कर दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप याचिका वापस लेंगे या वह जुर्माना लगाकर इसे खारिज करें।

मालूम हो कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में आईटीओ और लाल किला समेत कई जगहों पर हिंसा हुई थी।

याचिकाकर्ता एंव वकील विवेक नारायण शर्मा से अदालत ने पूछा कि क्या उन्होंने 26 जनवरी की घटना के ठीक बाद ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी क्योंकि इसे 29 जनवरी को दायर किया गया है।

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पीठ ने विवेक नारायण से पूछा, ‘आपने 26 जनवरी दोपहर को ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी? क्या आपको पता है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है? आप एक वकील हैं। बताएं जांच के लिए कितना समय दिया गया है?’

याचिकाकर्ता एंव वकील विवेक नारायण शर्मा से अदालत ने पूछा कि क्या उन्होंने 26 जनवरी की घटना के ठीक बाद ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी क्योंकि इसे 29 जनवरी को दायर किया गया है।

पीठ ने विवेक नारायण से पूछा, ‘आपने 26 जनवरी दोपहर को ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी? क्या आपको पता है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है? आप एक वकील हैं। बताएं जांच के लिए कितना समय दिया गया है?’

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पीठ ने आगे कहा, ‘आप चाहते हैं कि घटना के दो दिन के भीतर ही जांच पूरी हो जाए? क्या सरकार के पास कोई जादू की छड़ी है, जिसे घुमाते ही सब कुछ हो जाएगा? हम दंड लगाकर इसे खारिज करें या आप इसे वापस ले रहे हैं?’

अदालत की नाराजगी के बाद शर्मा ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के तीन निवासियों की ओर से दायर की गई याचिका को वापस ले लेंगे। याचिका में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

इस पर पीठ ने कहा, ‘अनुमति दी जाती है। याचिका अब खारिज हो गई है क्योंकि उसे वापस ले लिया गया है।’

वहीं सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि हिंसा के संबंध में 43 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और इनमें से 13 दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (अपराध शाखा) को स्थानांतरित कर दी गई है।

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