Monday - 28 October 2024 - 12:28 PM

हाई कोर्ट का आदेश, मुस्लिम मर्द नहीं कर सकता दूसरी शादी, जानें क्यों

जुबिली न्यूज डेस्क

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम शख्स की दूसरी शादी को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल नहीं कर सकता, तो कुरान उसे दूसरी बार शादी करने की इजाजत नहीं देता है। जानिए हाई कोर्ट ने ये फैसला क्यों सुनाया है।

बता दे कि हाई कोर्ट ने एक मुस्लिम महिला को अपने पति के साथ रहने के लिए मजबूर करने से इनकार कर दिया, जिसने अपनी बीवी की सहमति के बगैर और उसे बिना बताए दूसरी शादी की थी। दरअसल 19 सितंबर 2022 को दिए गए इस फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर जोर देते हुए कहा कि मौजूदा समय की जरूरत है कि लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें बताया जाए कि महिलाओं के साथ सम्मान और गरिमा का व्यवहार करना जरूरी है।

कुरान दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं देता

बता दे कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यहां तक कहा कि महिलाओं का सम्मान करने वाले देश को ही सभ्य देश कहा जा सकता है। कोर्ट ने कहा, “मुसलमानों को खुद ही एक पत्नी के रहते दूसरी से शादी करने से बचना चाहिए। एक पत्नी के साथ न्याय न कर पाने वाले मुस्लिम को खुद कुरान ही दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं देता। हाईकोर्ट ने कुरान के हवाले से कहा कि अगर मुस्लिम अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल करने में सक्षम नहीं है तो उसे दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं होगी।

अदालत ने कहा कि कोर्ट अगर पहली पत्नी की मर्जी के खिलाफ उसे पति के साथ रहने को मजबूर करती है, तो यह महिला की गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लघंन होगा। जस्टिस एस पी केसरवानी और जस्टिस राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने कहा कि अगर पत्नी को ऐसी परिस्थितियों में अपने पति के साथ रहने के लिए मजबूर किया जाता है, तो यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

जानें क्या है मामला

बता दे कि दूसरी शादी करने के बाद अपनी पहली पत्नी को इस बात की जानकारी नहीं दी थी। वह अपनी दोनों पत्नियों के साथ रहना चाहता था, हालांकि पहली पत्नी ने शख्स के साथ रहने और उसे किसी दूसरी महिला के साथ बांटने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पति ने दाम्पत्य अधिकारों की बहाली की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैमिली कोर्ट ने पति की याचिका खारिज कर दी थी।

ये भी पढ़ें-10 साल पुराना हो गया आधार कार्ड? तो फटाफट करें ये काम वरना…

जिसके बाद इस आदेश को चुनौती देते हुए प‌ति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल नहीं कर सकता, तो कुरान उसे दूसरी बार शादी करने की इजाजत नहीं देता है।

ये भी पढ़ें-पिता मुलायम के खोने पर भावुक अखिलेश बोले-‘पहली बार लगा कि बिन सूरज के उगा सवेरा’

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com