प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की जांच के लिए चीन से मंगाई गई रैपिड टेस्ट किट में मुनाफाखोरी का मामला तूल पकड़ गया है। एक तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर नाराजगी ज़ाहिर की है तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना की रैपिड टेस्ट किट पर मुनाफ़ा कमाने वालों के खिलाफ प्रधानमंत्री से कार्रवाई की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नजमी वज़ीरी की अदालत में यह मुद्दा उठाया गया कि चीन की कम्पनी विंडफ़ो 225 रुपये प्रति रैपिड टेस्ट किट बेच रही है। इस पर होने वाले खर्च और टैक्स को जोड़ दिया जाए तो भारत में यह किट 245 रुपये की पड़ती है।
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चीन से 245 में इस किट को लेने वाली कम्पनी इसे भारतीय वितरक को 400 रुपये प्रति किट की दर से बेच रही है। वितरक इसे 600 रुपये प्लस जीएसटी की दर से सप्लाई कर रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मुनाफाखोरी पर नाराजगी जताते हुए प्रति किट 400 रुपये में सप्लाई किये जाने का आदेश दिया है।
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उल्लेखनीय है कि भारत में चीन की तरफ से 5 लाख किट सप्लाई की जानी है। जिसमें से दो लाख 76 हज़ार किट भारत आ चुकी हैं। दो लाख 24 हज़ार किट और लाइ जानी हैं। आपदा के समय में लोगों की जान बचाने के लिए मरीज़ की जांच के लिए खरीदी जा रही किट में मुनाफाखोर पैसा कमाने में लग गए हैं।
इस मुनाफाखोरी की खबर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगी तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की कि रैपिड टेस्ट किट के मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
राहुल गांधी ने कहा है कि जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ मिलाकर लड़ाई लड़ रहा है तब कुछ मुनाफाखोर ऐसे समय में भी मुनाफ़ा कमाने में लगे हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि ऐसे लोगों पर आती है और उनकी मानसिकता से घिन भी आती है।
यह टेस्ट किट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को सप्लाई की गई है। चीन से 225 रुपये प्रति किट की दर से खरीदकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को 600 रुपये प्रति किट की दर से बेचा गया है।
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