सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। अरे ये तो मुमताज है… जी हां गुरुवार की सुबह को लखनऊ एयरपोर्ट पर यही नजारा था। हालांकि अक्सर लोग क्रिकेट के खिलाडिय़ों को देखने के लिए उतावले रहते हैं लेकिन गुरुवार की सुबह करीब दस बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर क्रिकेट के बजाये लखनऊ की बेटी मुमताज खान की एक झलक पाने के लिए उत्सुक नजर आये।
अभी तक मुमताज खान ने जूनियर खिलाड़ी के तौर पर अपनी छाप छोड़ी थी लेकिन जूनियर हॉकी विश्व कप में अपने धमाकेदार प्रदर्शन से लखनऊ ही नहीं पूरे भारत का डंका दक्षिण अफ्रीका में बजाया है।
लखनऊ की सडक़ों पर रेहड़ी लगाने वाली गरीब महिला की बेटी ने अपनी हॉकी की बदौलत पूरे भारत का मान बढ़ाकर गुरुवार को लखनऊ वापस लौटी है। उनकी कामयाबी से लखनऊ के हॉकी खिलाडिय़ों का जोश हाई है।
लखनऊ एयरपोर्ट पर 19 वर्षीय मुमताज खान का ढोल-नगाड़े के साथ खैरमकदम किया। भले ही भारतीय टीम जूनियर विश्व कप जीतने से चूक गई हो लेकिन मुमताज खान का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा है।
एयरपोर्ट पर मुमताज खान के स्वागत के लिए ढोल नगाड़े लिए लोग मौजूद रहे। मुमताज खान के स्वागत के लिए यहां परिवार, कोच राशिद अजीज खान और बाबू सोसाइटी के पदाधिकारियों के लोग लखनऊ एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इस दौरान कई युवा खिलाड़ी भी मुमताज खान की एक झलक पाने के लिए उत्सुक नजर आये।
दूसरी ओर एयरपोर्ट पर मौजूद लोग समझ नहीं पा रहे थे आखिर ये कौन खिलाड़ी हैजिसके स्वागत के लिए इतनी तैयारी की गई है। लोग सोच रहे थे शायद कोई क्रिकेट का बड़ा सितारा लखनऊ आ रहा है लेकिन तभी किसी ने कहा क्रिकेट नहीं ये हॉकी का बड़ा सितारा है जिसने दक्षिण अफ्रीका ने विरोधियों के हौंसले पस्त कर दिए है। अरे ये मुमताज है जिसपर लखनऊ ही नहीं पूरे देश को नाज है।
मुमताज खान के प्रदर्शन पर एक नजर
भारतीय टीम जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में कांस्य पदक का मुकाबला इंग्लैंड से हार गई थी लेकिन मुमताज खान का प्रदर्शन शानदार रहा है। मुमताज ने पूरे टूर्नामेंट में आठ गोल करके अपनी अलग छाप छोड़ी है। जो एक रिकॉर्ड है।
इस दौरान उसनसे एक बार हैट्रिक भी लगायी है। मुमताज ने जूनियर विश्व कप में मलेशिया के खिलाफ हैट्रिक गोल कर सबको हतप्रभ कर दिया था। आज से कुछ साल पहले मुमताज अपनी मां के साथ लखनऊ की सडक़ों पर सब्जी बेचा करती थीं लेकिन अब वो भारतीय हॉकी का नया सितारा बनकर सामने आईं है।
मुमताज के प्रदर्शन से पूरा परिवार खुश है
पिता हफीज खान को अपनी बेटी पर गर्व है और वो कहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में उनकी बेटी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है और उम्मीद है आने वाले समय में सीनियर टीम में उनकी बेटी इसी तरह का प्रदर्शन करेंगी जबकि हॉकी कोच राशिद अजीज खान को भी पूरा भरोसा है कि मुमताज बहुत जल्द सीनियर टीम में खेलती नजर आयेगी।
उन्होंने कहा कि मुमताज का सपना है महिला हॉकी को ओलम्पिक में पदक दिलाने का और उम्मीद है वो उसे पूरे करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। मुमताज की मां कैसर जहां और बहन फरहा खान भी खुश है और कहती है कि जब उनकी बहन कहती थी कि वो भारत के लिए खेलना चाहती है तब किसी को उसकी बातों पर विश्वास नहीं होता था लेकिन आज उनको अपनी बहन पर गर्व है।
बदल रही है हॉकी की तस्वीर
हाल के दिनों में भारतीय हॉकी की तस्वीर बदलती नजर आ रही है। ओलम्पिक में पदक जीतने के बाद भारतीय हॉकी फिर से पटरी पर लौटती नजर आ रही है। इसका नतीजा यह रहा कि जिस खेल से लोग दूर भागते थे आज उसी खेल की बदौलत भारत का मान विदेशों में बढ़ रहा है।