न्यूज डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली करारी पराजय के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा हार के कारणों को जानने के लिए मंथन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि रघुवर दास पर इसका ठीकरा फोड़ा जा सकता है। वहीं मुख्यमंत्री की कुर्सी गवांने के बाद रघुवर दास करीबियों के साथ-साथ विरोधियों के भी निशाने में आने लगे हैं।
सत्ता की कुर्सी से बेदखल करने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रघुबर दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। दरअसल, हेमंत की जाति को लेकर कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के मामले में कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक अंशुमान कुमार ने बताया कि सोरेन द्वारा 19 दिसंबर को दर्ज शिकायत के आधार पर उप-संभागीय पुलिस अधिकारी अरविंद उपाध्याय ने मामले में प्रारंभिक जांच की और फिर मिहिजाम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
एसपी के अनुसार, हेमंत सोरेन ने दुमका थाने में दास के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उन पर जामताड़ा में एक चुनावी सभा में उनकी जाति पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाया था।
रघुबर दास के बयान पर मीडिया से बात करते हुए सोरेन ने कहा था, ‘उनके शब्दों से मेरी भावनाएं और सम्मान आहत हुआ। क्या आदिवासी परिवार में जन्म लेना अपराध है?’ जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन हेमंत ने अपनी शिकायत में जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के मिहिजाम में हुए एक चुनावी सभा में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाया था।
बता दें किझारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें मिली हैं, वहीं विपक्षी गठबंधन को कुल 47 सीटें प्राप्त हुईं। बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं, राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व में महागठबंधन ने 47 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है। सत्ताधारी बीजेपी के मुख्यमंत्री रघुबर दास और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भी हार का सामना करना पड़ा है।