न्यूज़ डेस्क
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में तेज बारिश होने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। जिसमें चार मकान सहित एक गौशाला बह गई। जिसमें एक व्यक्ति भी लापता हो गया। गौशाला से कई जानवरों के भी बहने की जानकारी मिली है। घटना के बाद पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।
जानकारी के अनुसार रविवार तेज बारिश के बाद चौखुटिया के खीड़ा गांव के पास के ही डुगड गाड गधेरे का पानी एकाएक आवासीय भवनों की ओर बढ़ गया। देखते ही देखते चार मकान सहित एक गौशाला बह गई। गौशाला से बैल को खोलकर भगाने के लिए ग्रामीण राम सिंह (48)पुत्र डुगर सिंह गौशाल पर पहुंच गए। बताया जा रहा है। वह बैल को बचाने के चक्कर में खुद की बह गए हैं। इसके अलावा अन्य जानवरों के भी बहने की खबर मिली है।
ग्रामीणों के अनुसार डुगड़गाड़ गधेरा पहली बार इस तरह की बारिश के बाद पानी उफान पर आया है। वहीं उफान के बाद मलबा सड़क पर आने से यातायात मार्ग बंद हो गये है. इलाके में बिजली पानी की सुविधा भी बुरी तरह से ध्वस्त हो गयी है। इसके अलावा चमोली जिले में भारी बारिश के बाद से एक शख्स की मौत हो गई। गैरसैण पुलिस थाने के थानाध्यक्ष (एसएचओ) रविंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बदर सिंह चमोली जिले के लामबगड़ इलाके में जंगल में मवेशी चराने गया था। उसी समय वह तेज बारिश के चपेट में आ गए।
अधिकारी ने बताया कि बादर सिंह मवेशियों को चुगाने जंगल गए थे। अंधेरा होने पर भी जब वह घर नहीं लौटे तो परिजनों को चिंता हुई। ग्रामीण उनकी तलाश में निकले तो उनका शव बरसाती नदी के किनारे मिला जबकि उसके पशु गायब है। आशंका है वह भी उफान की चपेट में आ गए।
वहीं राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ बादल फटने की घटनाएं मानसून के दौरान होती हैं। अभी प्री-मानसून भी सक्रिय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि एक सीमित क्षेत्र में एक घंटे में साठ मिमी बारिश रिकार्ड की जाए तभी इसे बादल फटना कहा जाएगा, लेकिन इस क्षेत्र में आब्जर्वेटरी भी नहीं है।