जुबिली न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। देश के कई महानगरों में पटाखे जलाने पर पूरी तरह रोक लगाने के बाद व्यापारियों और दुकानदारों की दिवाली धुंआ हो गई है। व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने करोड़ों के पटाखों का स्टॉक दिवाली के लिये रखा था अब इस पर उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
दिल्ली के जामा मस्जिद और सदर बाजार क्षेत्र के पटाखा व्यापारियों को इस बार दिवाली में अच्छी कमाई की उम्मीद थी। उन्होंने दिवाली, छठ पूजा, गुरुपर्व और आने वाले शादियों के मौसम के लिये पूरी तैयारियां कर रखी थीं।
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जामा मस्जिद के एक पटाखा कारोबारी की माने तो पुलिस ने हमें दुकानें खालने से रोक दिया है। हमने सैकड़ों किलो पटाखे खरीद कर रखे हैं। ये मौसम विशेष में बिकने वाला उत्पाद है, यदि एक- दो माह में इसे नहीं बेचा गया तो यह बेकार हो जायेगा।
कारोबारियों की माने तो प्रशासन ने 650 किलो तक पटाखों के लिये अस्थायी लाइसेंस जारी किये थे। हालांकि सामान्य तौर पर वह बाजार में मांग और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये 400 से 500 किलो तक ही पटाखे खरीदकर रखते हैं।
पटाखे बेचने का स्थायी लाइसेंस रखने वाले व्यापारी 1,000 किलो अथवा इससे अधिक स्टॉक अपने पास रख सकते हैं। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पटाखों के अस्थायी लाइसेंस के लिये कुल 260 आवेदन प्राप्त हुये थे। इसमें से सभी शर्तों को पूरा करने वाले 138 आवेदनों को लाइसेंस जारी किये गये।
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सदर बाजार पटाखा विक्रेता संघ के महासिचव हरदीप छाबड़ा ने कहा मुझे नहीं पता कि मैं अपने पास रखे पटाखों के भंडार का अब क्या करूंगा, हो सकता है कि मैं इसे लोगों के बीच बांट दूं। पटाखों की बिक्री पर रोक लगी है उनको बांटने पर तो कोई रोक नहीं है।
छाबड़ा ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ पटाखा व्यापारी सदर बाजार में धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ समस्या का समाधान ढूंढने के लिये बैठक करने की भी योजना बनाई गई है।
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एक व्यापारी ने कहा कि यदि सरकार की योजना पटाखे जलाने पर रोक लगाने की थी तो उसे पहले ही अपना फैसला सुना देना चाहिये था ताकि व्यापारी त्योहारी मौसम के लिये पटाखे खरीदकर नहीं रखते और हमें लाखों- करोड़ों का नुकसान नहीं उठाना पड़ता।
दिल्ली सरकार ने राज्य में 30 नवंबर तक पटाखे जलाने पर रोक लगा दी। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी। माना जा रहा है कि त्योहारी मौसम और बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली में कोविड- 19 के मामले बढ़ रहे हैं।
अब यूपी की बात करें तो यहां भी लखनऊ समेत 13 जिलों में पटाखे पर लगी रोक बाद पटाखा कारोबारियों की धड़कने तेज हो गयी है। कारोबारियों को इस बात की चिंता सता रही कि अब इन जिलों के कारोबारियों की रोजी- रोटी पर संकट मंडरा रहा है।
पटाखा कारोबारी फिरोज़ आलम की माने तो सरकार का त्योहार के चंद घंटे पहले लिया गया ये फैसला बिलकुल गलत है। हमारी साल भर की रोजी- रोटी इस पर निर्भर होती है।
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